पत्रकारिता में सत्यता और निष्पक्षता बहुत जरूरी है:सीजेएम कपिल राठी
भिवानीई। भारत दुनिया का सबसे बड़ा प्रजातांत्रिक देश है, जहां पर पै्रस को अभिव्यक्ति की आजादी दी गई है। जिस देश में पै्रस को अभिव्यक्ति स्वतंत्र है, सही मायने में उस देश में लोकतंत्र कामयाब होता है। जनता की आवाज को आम जन तक पहुंचाने का सबसे ससक्त माध्यम पै्रस ही है। सत्यता व निष्पक्षता पत्रकारिता में बहुत ही जरूरी है।
यह बात सोमवार को जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी कपिल राठी ने अंतर्राष्टï्रीय पत्रकारिता स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट मार्केट स्थित मीडिया सैंटर में आयोजित पत्रकार गोष्ठïी को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि मीडिया का माध्यम चाहे वो प्रिन्ट, इल्कट्रोनिक या सोशल मीडिया हो, सबका उद्देश्य लोगों के पास सही व संतुलित खबर को पहुंचाना होता है। बदलते परिवेश में मीडिया में खबरों का स्वरूप भी बदल रहा है, परन्तु सत्यता व निष्पक्षता पत्रकारिता में बहुत ही जरूरी है।
उन्होंने कहा कि जब भी मीडिया को किसी प्रकार की कानूनी जानकारी या सहायता की आवश्यकता हो तो उसके लिए जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण हमेशा तैयार है। उन्होंने कहा कि कानून की व्याख्या समय के साथ बदलती रहती है। आम जनता को कानूनी अधिकारों व कर्तव्यों के बारे जागरूक करने में मीडिया बहुब बड़ा माध्यम है।
हरियाणा यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट के प्रदेशाध्यक्ष व दैनिक ट्रिब्यून के जिला प्रभारी अजय मलहोत्रा ने कहा कि आज के समय में मीडिया एक कठिन व चुनौतिपूर्ण दौर से गुजर रहा है। मीडिया पर वर्तमान में व्यवसायिकरण भी देखने को मिल रहा है जिससे कही न कही खबरों की निष्पक्षता प्रभावित हो रही है। आज के दौर में मीडिया कर्मियों के लिए अपनी विश्वसनियता बनाए रखना एक चुनौती बन चुका है।
वरिष्ठ पत्रकार नरोत्तम बागड़ी ने आजादी से पूर्व व उसके बाद पै्रस के कार्य कलाप में आए बदलाव पर रोशनी डालते हुए कहा कि कभी एक पत्र पूरे दिन में छपा करता था, क्योंकि छपाई का कार्य बहुत जटिल था परन्तु वह आज एक बटन से ही कोई भी खबर कही से भी कही पर भी भेजी जा सकती है।
पत्रकार राजेन्द्र चौहान ने पत्रकारिता में आने वाली दैनिक चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पत्रकार दिनभर अपनी नीजि विषम परिस्थितियों के साथ-साथ पत्रकारिता में आने वाली चुनौतियों के साथ भी जूझ रहा है। उसके ऊपर जनता के सामने सही खबरों को ले जाने की जहां चुनौति है वहीं कई बार उन्हें इन खबरों के लिए कई प्रकार की कानूनी अड़चनों का भी सामना करना पड़ जाता है। उन्होंने कहा कि जिला विधिक सेवाए प्रधिकरण द्वारा पत्रकारों की सुविधा के लिए भी मुफ्त कानूनी सलाह देनी चाहिए। इसके साथ-साथ पत्रकारों के लिए समय-समय पर ऐसी गोष्ठिïयों का भी आयोजन करते रहना चाहिए जिसमें पत्रकारों को उनके पेशे से संबंधित आवश्यक कानूनी जानकारियां मिल सके।
पैनल अधिवक्ता शीला तंवर ने उपस्थित मीडिया कर्मियों को संविधान में निहित पै्रस की स्वतंत्रता संबंधित कानूनों की जानकारी देते हुए कहा कि संविधान में निहित कोई भी स्वतंत्रता पूर्ण नही होती है। धारा 19(1) (ब) में भारत की अखंडता व सम्प्रभुता को बचाने के लिए कुछ बंधन लगाए गए हैं। इसी प्रकार पोस्को एक्ट व अन्य कुछ एक्ट में भी पै्रस की स्वतंत्रता पर कुछ अंकुश हैं परन्तु इन सबके बावजूद पै्रस को भारत के संविधान में बहुत आजादी दी हुई है। जिससे हम अपनी बात बेखौफ जनता के समक्ष रख पाते हैं।
इस अवसर पर डीपीआरओ , सहायक कमलजीत, दिनेश कोऑर्डिनेटर सहित अनेक मीडिया कर्मी मौजूद रहे।