पूर्व मेयर छाबड़ा ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर लगाये पीएमओ को गुमराह करने के आरोप

पूर्व मेयर प्रदीप छाबड़ा ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर पीएमओ कार्यालय और प्रशासक को गुमराह करने का आरोप लगाया
कहा प्राईमरी स्कूलों का भवन बनाने की संभावनाएं तलाशने की बजाए अधिकारी स्कूलो को करवा रहे है बंद
मौली जागरां इलाके में बच्चों को होगी परेशानी भीड़ भाड़ के कारण हो सकता है हादसा

चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी के सह प्रभारी और चंडीगढ़ के पूर्व मेयर प्रदीप छाबड़ा ने भाजपा के नगर निगम प्रशासन पर चंडीगढ़ के प्राईमरी स्कूलों क ो जान बूझ कर बंद करने करने के लिए कार्य योजना तैयार करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि इससे आरटीई एकट के तहत छोटे बच्चों को शिक्षा लेने में दिक्कत पेश आयेगी।
पूर्व मेयर प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि पीएमओ की ओर से जारी दिशा निर्देशों का अधिकारी नाजायज फायदा ले रहे है। उन्होंने कहा कि हल्लोमाजरा के टीन शैड में चल रहे स्कूल के भवन के निर्माण के लिए पीएमओ ने शीघ्र कार्य शुरू करने के लिए अधिकारियों क ो दिशा निर्देश दिए थे जिसके तहत चंडीगढ़ के प्रशासक और उनके सलाहकार ने हल्लोमाजरा का दौरा कर वहां से बच्चें शिफट कर स्कूल का निर्माण शीघ्र करने के लिए आदेश जारी किए है।
छाबड़ा ने कहा कि पीएमओ के आदेशों की कथित आड़ में शिक्षा विभाग के अधिकारी समस्या को हल करने की बजाए उसे जड़ से खत्म कर प्राईमरी स्कूलों को बंद करने की ओर कार्यवाही कर रहे है। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं ने उन्हें बताया कि मौली जागरां के प्राईमरी स्कूल रेलवे कालोनी जोकि वर्षो से रेलवे की जमीन में चल रहा है और मौली कांप्लेक्स का प्राईमरी स्कूल जोकि कालोनी के बसाए जाने से ही हाऊसिंग बोर्ड के भवन में चल रहा है उसे बंद कर करीब ड़ेढ से दो किल्लोमीटर दूर मौली जागरां गांव के पास बन रही नई बिल्डिंग में समायोजित करने की तैयारी में लगे है। उन्होंने कहा कि अधिकारियो को चाहिए था कि इन दोनों स्कूलों के भवन बनाने के लिए जगह तलाशते और भवन बना कर उन्हें वहां शिफट कर देते । लेकिन अधिकारी प्रशासक और पीएमओ कार्यालय को गुमराह कर स्कूलों को बंद कर समस्या को जड़ से ही खत्म कर बच्चों की शिक्षा पर कोठाराघात कर रहे है।
छाबड़ा ने कहा कि प्राईमरी स्कूलों को बंद करने की बजाए अधिकारी और प्रशासन उनमें बेहतर सुविधाए उपलब्ध करवाए और स्कूल भवन बनाए। उन्होंने कहा कि जो अधिकारी स्कूलों को बंद करने में सम्मलित है उनके खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए। क्योकि छोटे बच्चें ड़ेढ से दो किलोमीटर दूर नए स्कूल में भीड़ भाड़ से होकर नहीं जा सकते। इससे कभी भी हादसा हो सकता है।

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