स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभाग की एसीएस डॉ जी अनुपमा ने शुक्रवार को भिवानी में निर्माणाधीन पंडित नेकीराम गर्वनमेंट मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया।
भिवानी। एसीएस ने इसके उपरांत वन स्टॉप सेंटर (सखी) का औचक निरीक्षण कर सुविधाओं का भी जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने वन स्टॉप सेंटर में पीड़ितों को दी जा रही कानूनी सहायता और काउंसलिंग का पूरा ब्योरा सहित कार्यालय के रजिस्टर आदि का रिकार्ड चैक किया। उन्होंने पीड़ित महिलाओं के साथ काउंसलिंग के साथ-साथ दोषी के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के भी निर्देश दिए।
एसीएस डॉ जी अनुपमा ने भिवानी में निर्माणाधीन पंडित नेकीराम गर्वनमेंट मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण कर सबंधित अधिकारियों को मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य में तेजी लाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि तय समय में निर्माण कार्य पूरा किया जाए ताकि जिले के लोगों को इसकी सुविधा उपलब्ध हो सके।
एसीएस डॉ जी अनुपमा अचानक वन स्टॉप सेंटर में पहुंची और सुविधाओं का जायजा लिया।उन्होंने कहा कि निर्धारित नियमों के अनुसार सेंटर में आने वाली पीड़ितों को पूरा मान-सम्मान और सुविधाएं दी जाएं। इसके साथ-साथ उनकी काउंसलिंग भी की जाए। विषम परिस्थियों में किया गया सहयोग और मार्गदर्शन बड़ी राहत देने का काम करता है। इसके साथ ही ड्यूटी का निर्वाह भी सुचारु रूप से होता है। उन्होंने कहा कि वन स्टॉप सखी सेंटर में घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न, यौन उत्पीड़न से पीड़ित सभी आयु वर्ग की महिलाओं व 18 वर्ष से कम आयु की लड़कियों को पुलिस सहायता, कानूनी सहायता, चिकित्सा सुविधा, काउंसलिंग की सुविधा व पांच दिन के लिए अस्थायी आश्रय की सुविधा प्रदान की जाने वाली सुविधा मुहैया करवाने में कोताही न बरतें। उन्होंने कहा कि उत्पीड़ित महिलाओं को चिकित्सा व कानूनी सहायता मुहैया कराने के लिए चल रहे वन स्टाप सेंटर (सखी) जनहित में एक सार्थक कदम है। इसके संचालन में किसी प्रकार की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए। इस दौरान एसीएस ने सेंटर में पहुंची आंध्र प्रदेश की पीड़ित महिला से बातचीत की। एससीएस ने पीड़ित महिला को सकुशल उसके घर भेजे जाने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के सयुंक्त निदेशक डॉ राहुल चोपड़ा, उप- सिविल सर्जन डॉ कृष्ण कुमार, महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला परियोजना अधिकारी दर्शना मालवाल व चरखी दादरी से डीपीओ गीता सहारण सहित विभिन्न अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।