हम सभी का कर्तव्य है कि राष्ट्रध्वज का पूरा सम्मान करें
देश के झंडे को रखने और उतारने के होते भी कई नियम :- डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल
कैथल। डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल ने कहा कि ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के दौरान पूरे देशभर में लोगों ने अपने घर पर झंडा लगाया था। आजादी के जश्न के बाद अब जिम्मेदारी है कि लोग राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करें और तिरंगे को फिर से ससम्मान रखा जाए। जिस तरह से झंडा फहराने के कई नियम होते हैं, उसी तरह अब झंडे को रखने और उतारने के भी कई नियम हैं। डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल ने कहा कि तिरंगे को लेकर स्पष्ट रूप से नियम कानून बने हुए हैं। इन नियमों के अधीन व्यक्ति को ध्वज फहराना और उतारना चाहिए। हर घर तिरंगा अभियान ने हर व्यक्ति को मौका दिया कि वे अपने घर पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा सके लेकिन, ध्वज को फहराते वक्त जितना सम्मान दिया जाता है, उतना ही उतारते वक्त भी दिया जाना चाहिए। तिरंगे को सम्मान पूर्वक उतारना चाहिए और उसके बाद उसे समेट कर सुरक्षित जगह रखा जाता है। डीसी ने कहा कि तिरंगे को समेटने का भी स्पष्ट नियम है। सबसे पहले तिरंगे को दो व्यक्ति पकड़ेंगे। उसके बाद सबसे पहले हरे रंग वाली पट्टी को मोड़ा जाएगा। फिर केसरिया रंग की पट्टी को हरे रंग की पट्टी पर समेटने के बाद दोनों व्यक्ति अपनी-अपनी ओर तिरंगे को फोल्ड करेंगे। ऐसा करने पर अशोक चक्र ऊपर की ओर आ जाता है। इस तरह से तिरंगे को समेटना चाहिए। इसके अलावा कई संगठन झंडा वापस लेने की मुहिम चला रहे हैं तो अगर आप ऐसा करना चाहें तो उन्हें भी दे सकते हैं। डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल ने कहा कि तिरंगे का सम्मान सभी को करना चाहिए लेकिन, यदि तिरंगा फट जाता है तो उसका निस्तारण करना बहुत ही महत्वपूर्ण है। ऐसे में यदि तिरंगा फट जाता है तो उसको एक लकड़ी के बॉक्स में पैक किया जाता है। इसके बाद तिरंगे को दफनाया जा सकता है या फिर अग्नि के हवाले किया जाता है। दोनों ही स्थिति बिल्कुल शांत जगह पर करनी चाहिए। साथ ही दफनाने या अग्नि क्रिया करने के बाद मौन रखा जाना अति आवश्यक होता है। इसे कचरादान या फिर अन्य जगहों पर ना फेकें। अगर आपको लगता है कि आपका झंडा सही है और इसे दोबारा फहराया जा सकता है तो इसे अपने पास समेट कर रख लें।
उपायुक्त ने कहा कि तिरंगे झंडे को उतारने के बाद समेट कर सुरक्षित स्थान पर रख दें। ये आपकी जिम्मेदारी है कि आपके घर में या आस-पास झंडे का अपमान ना हो। अगर कोई झंडे का अपमान करते हुए उसका दुरुपयोग करते हुए पाया जाता है तो तीन साल तक की जेल हो सकती है। तिरंगे को लेकर कड़े कानूनी प्रावधान हैं। राष्ट्रगान और राष्ट्रीय ध्वज का का यदि सम्मान नहीं किया जाता है तो यह दंडनीय अपराध है। भारतीय कानून में ऐसे व्यक्ति के खिलाफ कड़े कदम उठाए जा सकते हैं इसलिए हम सभी का कर्तव्य है कि राष्ट्रध्वज का पूरा सम्मान करें।