मैक्स हॉस्पिटल शालीमार बाग ने भिवानी में लॉन्च की ऑर्थोपेडिक्स और जॉइंट रिप्लेसमेंट ओपीडी
भिवानी। नई दिल्ली का मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल (शालीमार बाग) उत्तर भारत का एक प्रमुख स्वास्थ्य केंद्र है, जिसने आज भिवानी में ऑर्थोपेडिक्स और जॉइंट रिप्लेसमेंट (हड्डियों के रोगों और जोड़ों को बदलने से संबंधित) की ओपीडी लॉन्च की गई। हॉस्पिटल की ये पहल भिवानी के लोगों के लिए समय और पैसे की बचत के साथ अच्छी स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने में कारगर साबित होगी। भिवानी में इस ओपीडी की सुविधा हर महीने पहले और तीसरे गुरुवार को सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक, चुग अस्पताल में मिलेगी। ओपीडी की लॉन्चिंग के दौरान, डॉ सौरभ मोडा, निर्देशक – ऑर्थोपेडिक्स एंड जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी, मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, शालीमार बाग ने आज अवेयरनेस सेशन भिवानी जिला के पत्रकारों को संबोधित करते हुए की। डा. सोढा ने अपने मेडिकल कैरियर की शुरुआत 1996 से मेडिकल कॉलेज रोहतक से एमबीबीएस की डिग्री करके की। 2001 में गंगा राम हॉस्पिटल में सेवाएं दी। भिवानी जिले से लगाव होने के कारण इन्होंने भिवानी मे ऑर्थोपेडिक्स और जॉइंट रिप्लेसमेंट की ओपीडी की शुरुआत की है। खराब और इनएक्टिव (निष्क्रिय) जीवनशौली की वजह से आर्थोपेडिक्स की बढ़ती समस्याओं पर बात की गई। डॉ सौरभ मोडा, ने कहा बढ़ती उम्र में घुटनों की परेशानियां होना आम बात है, लेकिन परेशानी को समय पर पहचान लेना और कंप्यूटर की मदद से पूरे घुटने को बदलना अब ज़िंदगी में सुधार लाने के लिए कामयाब साबित हो रहा है। गंभीर रूप से गठिया से पीड़ित लोगों के लिए पूरे घुटने को बदलने की प्रक्रिया ने एक बड़ी राहत प्रदान की है, जो उन्हें काफ़ी हद तक सामान्य ज़िंदगी देती है। इसकी सर्जरी बेहद ख़ास और एडवांस माहौल में की जाती है जिसमें न के बराबर दर्द होता है और न ही डिस्चार्ज में समय लगता है. फ़ुल जॉइंट रिप्लेसमेंट में उन्नत तकनीक द्वारा रीयल-टाइम, 3-डी इमेजिंग और सर्जन द्वारा बताए गए बेहतर और सटीक रिप्लेसमेंट का इस्तेमाल होता है। इसके अलावा, न ध्यान देने योग्य तकनीकी ख़ामियों को भी देखकर जल्द सही किया जाता है। कम्प्यूटर द्वारा की गई ये सर्जरी पूरी तरह सटीक और कामयाब साबित हुई है. ये सर्जरी एक अत्याधुनिक सर्जिकल तकनीक है जो 99.9% तक सटीक है और आर्टिफीशल जॉइंट्स को लंबी उम्र और बेहतर काम करने की योग्यता प्रदान करती है। घुटनों की परेशानियों से जूझ रहे मरीज़ों के लिए ये सर्जरी वरदान साबित हुई है। डा.सौरभ मोडा का कहना है कि इस तरह के मरीज़ों को बेहतर ज़िंदगी के लिए सर्जरी करवा लेनी चाहिए. इससे रोज़मर्रा के कामों के लिए दिन-ब-दिन दूसरे लोगों पर बढ़ती निर्भरता कम हो जाएगी और वो अपने आपको ज़्यादा आत्मनिर्भर और खुश महसूस करेंगे । भिवानी में ओपीडी सेवा शुरू होने से ये यूनिट शहर और आसपास के इलाक़ों के मरीज़ों की सेवा कर सकेगी। हॉस्पिटल ने पहले ही अपनी अत्याधुनिक तकनीक, बेहतरीन इलाज और सर्जरी की काबीलियत के साथ बेहतर सुविधा देने के रूप में खुद को स्थापित कर लिया है. अब इसका ध्यान दूसरे शहरों की ज़रूरतों को पूरा करने पर है ताकि उन तक भी ये स्वास्थ्य सेवा पहुँच सके और उन्हें भी बेहतर ज़िंदगी मिल सके। ये हॉस्पिटल अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे, ऑपरेशन थिएटर, योग्य नर्सिंग और सहायक कर्मचारियों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षित चिकित्सकों से सुसज्जित है, जिन्हें देश में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।