राजकीय महाविद्यालय कालका में मनाया गया हिंदी दिवस

-हिंदी दिवस के अवसर पर काव्य पाठ प्रतियोगिता का भी किया गया आयोजन

पंचकूला। राजकीय महाविद्यालय कालका की प्राचार्या श्रीमती कामना के कुशल नेतृत्व में हिंदी दिवस मनाया गया। हिंदी विभागाध्यक्षा प्रो डॉक्टर बिंदु, डॉक्टर नीरू शर्मा, प्रोफेसर गीता और डॉक्टर रमाकांत सहाय के मार्गदर्शन और दिशा निर्देशन में काव्य पाठ प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया ।
प्राचार्या कामना ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि 14 सितंबर 1949 में संविधान सभा में हिंदी को एक अधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया था। हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने का विचार पहली बार 1918 में हिंदी साहित्य सम्मेलन के दौरान महात्मा गांधी द्वारा लाया गया था। प्राचार्या कामना ने कहा कि भारत का आधार है हिंदी, सबके सपनों को साकार करती है हिंदी। डॉक्टर बिंदु नें अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि हिंदी मात्र एक भाषा ही नहीं है बल्कि पूरे हिंदुस्तान की पहचान भी है। हमारे देश की एकता में हिंदी का महत्वपूर्ण योगदान है। हिंदी हमारे देश की आन, बान और शान है। जन-जन की भाषा है हिन्दी, भारत की आशा है हिंदी, जिसने पूरे देश को जोड़ रखा है वो मजबूत धागा है हिंदी।
वरिष्ठ प्रो सुशील कुमार ने हिंदी की महता बताते हुए कहा कि हिंदी हम अपनाएंगे, राष्ट्र की शान बढ़ाएंगे। काव्य पाठ प्रतियोगिता में हरिंदर प्रथम,
नेहा गौतम द्वितीय तथा देवेंद्र सिंह तृतीया रहे। प्रस्तुत कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। विद्यार्थियों ने हिंदी भाषा की महता पर अपने विचार प्रस्तुत किए। मंच संचालन प्रोफेसर गीता ने किया। निर्णायक मंडल की सदस्या प्रोफेसर डॉक्टर नीरू शर्मा और प्रोफेसर डॉक्टर पूजा सिंगल रही। प्रोफेसर मीनू ख्यालिया ने भी कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।

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