वी.पी.यादव ने संभाला बोर्ड अध्यक्ष का कार्यभार

भिवानी। भारत सरकार की नई शिक्षा नीति को पूर्णरूपेण लागू करना मेरी प्राथमिकता होगी। शिक्षा-परीक्षा को सुधारवादी कदमों को और अधिक गति देते हुए बोर्ड की कार्यप्रणाली को अधिकाधिक सुदृढ़ किया जाएगा।
ये उद्गार वी.पी. यादव ने आज यहाँ हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष का पदभार संभालने के पश्चात व्यक्त किए। इससे पूर्व उन्होंने बोर्ड की लॉबी में स्थापित माँ सरस्वती की पूजा अर्चना की। इस अवसर पर बोर्ड सचिव कृष्ण कुमार, संयुक्त सचिव पवन कुमार व बोर्ड के अधिकारी/कर्मचारियों ने यादव व उनकी धर्मपत्नी श्रीमती शारदा यादव का फूल-मालाओं से स्वागत किया।
बोर्ड प्रवक्ता ने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में सुधार करने को अपनी प्राथमिकता मानने वाले यादव का शिक्षा क्षेत्र से जुड़ाव कई दशकों का है। इसके साथ-साथ वी.पी. यादव बोर्ड के उपाध्यक्ष भी रहे हैं। उन्होंने 22 मार्च 2021 को बोर्ड उपाध्यक्ष का कार्यभार संभाला था। वे शिक्षा बोर्ड के उन सभी क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव के हिमायती व पैरोकार रहे हैं, जिनसे शिक्षा जगत का बहुआयामी विकास हो। उनका मानना है कि शिक्षा के माध्यम से व्यक्ति को गुणवान, सुशील, ज्ञानवान, समाज व देश के प्रति समर्पित बनाया जा सकता है। यादव ने अपनी नियुक्ति के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व शिक्षामंत्री कंवरपाल गुर्जर का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने उन पर जो विश्वास जताया है वह उसे सार्थक सिद्ध करेंगे तथा बोर्ड सचिव व अधिकारियों के साथ मिलकर बोर्ड को उच्च मुकाम पर ले जाएंगे।
बोर्ड अध्यक्ष पद का कार्यभार संभालने के बाद वी. पी यादव ने कहा कि फिलहाल उनकी पहली प्राथमिकता हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा को बिना किसी हस्तक्षेप के बेहतर तरीके से करवाना रहेगी। उन्होंने आगे कहा कि शिक्षा बोर्ड द्वारा परीक्षाओं की गुणवत्ता व विश्वसनीयता में अभिवृद्धि के लिए बहुत सराहनीय प्रयास किए गए हैं। अब इन प्रयासों को जारी रखा जाएगा। वी.पी.यादव मूल रूप से जिला महेन्द्रगढ़ के पटीकरा गांव के रहने वाले है। लेकिन लंबे समय से वह रिवाड़ी में रह रहे हैं। उनके पिता श्री प्रताप सिंह सेना में थे इसलिए विभिन्न स्थानों पर उन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा हासिल की। कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय से स्नातक करने के पश्चात् महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर से उन्होंने स्नातकोत्तर की पढ़ाई की। एमडीयू रोहतक से एम.एड. करने के पश्चात आइईसी वि.वि. हिमाचल से एलएलबी की। वर्ष 1998 में उन्होंने रेवाड़ी में यदुवंशी कांवेंट स्कूल की स्थापना की तथा यहीं से अपनी शिक्षण संस्था की पौध को आगे बढ़ाया।
वह सनग्लो इंटरनेशनल स्कूल के अध्यक्ष हैं। शिक्षा के क्षेत्र में लगभग ढ़ाई दशक का अनुभव होने के कारण उनकी अपनी विशेष पहचान है। उन्होंने भारत सरकार की नई शिक्षा नीति का गहराई से अध्ययन, मनन किया है। उनकी नियुक्ति के पीछे की वजह भी यही मानी जा रही है कि वह लोक प्रशासन व शिक्षा में स्नातकोत्तर होने के साथ वे लॉ ग्रेज्यूएट भी है। वे केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सी.बी.एस.ई.) से जुड़े संगठन सहोदय के जिला अध्यक्ष भी रहे हैं। एल एम एम यादव के स्कूल को जिला प्रशासन की ओर से समय-समय पर बेस्ट स्कूल के अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। वे सहोदय के जिला प्रधान होने के साथ ही सीबीएसई के निरीक्षण अधिकारी भी हैं। वर्ष 2010 में बैंकॉक में हुई युनेस्को इंटरनेशनल ओरल कांफ्रेंस में उन्होंने देश का प्रतिनिधित्व किया था। विभिन्न संस्थाओं द्वारा उन्हें विशेष सम्मान भी दिया जा चुका है।

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