महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय होंगे दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्यातिथि

भिवानी। 11 अक्टूबर को प्रातः 11:00 बजे चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय के प्रेमनगर, भिवानी स्थित नए परिसर में विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्यातिथि महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय शिरकत करेंगे। बतौर विशिष्ट अतिथि कृषि मंत्री जे पी दलाल, सांसद धर्मवीर सिंह, बृजेंद्र सिंह,विधायक घनश्याम सर्राफ, बिशंभर बाल्मिकी शामिल होंगे ये जानकारी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजकुमार मित्तल ने विश्वविद्यालय के जनसंपर्क एवं मीडिया सेल द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए दी। समारोह में विश्वविद्यालय के टॉपर विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल और पिछले विभिन्न पांच शैक्षणिक सत्रों के 1694 उत्तीर्ण विद्यार्थियों को डिग्री भी प्रदान की जाएंगी जिनमें 450 लड़के 1244 लड़कियां हैं। उन्होंने बताया कि चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय ने अपने गठन के मात्र कुछ वर्षों में ही खेल एवं शिक्षा के क्षेत्र में नये किर्तिमान स्थापित किये हैं। प्रेमनगर में अब विश्वविद्यालय का अपना भव्य भवन परिसर मिल चुका है जोकि अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस पूर्णतया सुसज्जित है और पिछले सत्र से ही उसमें विज्ञान सहित कई विषयों की कक्षाएं प्रारंभ हो चुकी हैं । विश्वविद्यालय की प्राथमिकता विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करना है। विश्वविद्यालय ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने की दिशा में बहुत पहले ही काम शुरू कर दिया था। विश्वविद्यालय विद्यार्थियों की प्रतिभाओं को उभारने को निरंतर प्रयासरत है। इसी कड़ी में विश्वविद्यालय ने 12 हॉबी क्लबों का गठन किया गया है। हॉबी क्लबों का गठन करने वाला यह प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय है। विश्वविद्यालय में चरित्र निर्माण एवं कौशल विकास को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है। विश्वविद्यालय द्वारा चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व विकास पर विशेष पाठ्यक्रम तैयार किया है। जिसे देश के अधिकतर विश्वविद्यालयों ने लागू किया है। विश्वविद्यालय का उद्देश्य शिक्षा एवं शोध के माध्यम से स्थानीय एवं सामाजिक समस्याओं का हल निकालना है। भिवानी खेलों का हब है इसे मिनी क्यूबा भी कहा जाता है। यहाँ के खिलाड़ियों ने विश्व स्तर पर अपनी प्रतिभाओ का बेहतर प्रदर्शन कर विश्व पटल पर देश का नाम रोशन किया है। सही प्रशिक्षण, बेहतर सुविधाएं प्रदान कर अन्तरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार करना विश्वविद्यालय की विशेष प्राथमिकता है जिसका सार्थक उदाहरण राष्ट्रमंडल खेलों में पहलवान मोहित ग्रेवाल का कांस्य पदक जीतना है। विश्वविद्यालय ने कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के दौर में भी अनेक सामाजिक सेवा कार्य किए और सरकार द्वारा जारी नियमों एवं निर्देशानुसार नकल रहित परीक्षाओं एवं ऑनलाइन कक्षाओं का सफल संचालन कर परीक्षाओं का समय पर परिणाम घोषित किया है। विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को सबसे पहले लागू किया है। इस सत्र में विश्वविद्यालय ने एमएससी में ड्यूल डिग्री प्रारंभ की हैं जो विद्यार्थियों को और अधिक अवसर प्रदान करने में सहायक होंगी।विश्वविद्यालय द्वारा 21 विभागों में 44 कोर्सेज संचालित किए जा रहे हैं।
कुलपति मित्तल ने बताया कि विश्वविद्यालय ने प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में विश्वविद्यालय ने महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पेपरलेस डिजिटल मार्कशीट की सुविधा भी दी जा रही है। विश्वविद्यालय द्वारा आस पास के पाँच गांव गोद लेकर उनमें सामाजिक जागरूकता अभियान चलाये जा रहे हैं और प्रत्येक पीएचडी स्कॉलर को एक पौधा लगाना अनिवार्य किया है। पर्यावरण का विशेष ध्यान रखते हुए सतत् संयमित उपभोग अभियान द्वारा पॉलिथीन एवं प्लास्टिक मुक्त वातावरण तथा संसाधनों के सदुपयोग की अलख विश्वविद्यालय द्वारा जगाई जा रही है। रोटरी के साथ भिवानी और चरखी दादरी जिलों को पूर्ण साक्षर बनाने का अभियान भी चलाया हुआ है ।इसी कड़ी में बापोड़ा, प्रेमनगर, हालुवास, उम्रावत, जाटू लुहारी में यह अभियान चलाया हुआ है। विश्वविधालय विद्यार्थियों को उद्यमशील एवं आत्मनिर्भर बनाने को निरन्तर प्रयत्नशील है। विश्वविद्यालय की यह प्राथमिकता है कि स्थानीय एवं सामाजिक समस्याओं का हल शिक्षा एवं रिसर्च के द्वारा निकाला जा सके। रिसर्च का उदेश्य मानव कल्याण होना चाहिए। विश्वविद्यालय में लगभग 80 शोधार्थी हैं। जिन जिन विभागों में नियमित फैकल्टी आयेगी उनमें भी पीएचडी प्रारंभ होगी। विश्वविद्यालय के 9 विभागों में पीएचडी करवाई जा रही है।
विश्वविद्यालय द्वारा गांव पालुवास, हालुवास और प्रेमनगर में उन्नत भारत अभियान के तहत पुस्तकालय एवं वाचनालय ग्रामीणों की सहभागिता से स्थापित किये गए हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के दो शैक्षणिक खंडों के निर्माण से विद्यार्थियों को और अधिक अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई और कई नये कोर्सेज संचालित किए गए।
उन्होनें बताया कि विश्वविद्यालय की चार दिवारी एवं स्वर्ण जयंती द्वार का निर्माण पहले ही पूर्ण हो चुका है। विश्वविद्यालय द्वारा दो आधुनिक शैक्षणिक खण्डों का निर्माण किया जा चुका है। प्रथम चरण के दुसरे कार्य का काम भी तेजी से कुछ पूर्ण हो चुके और कुछ चल रहे हैं जिसमें सड़कें, वाटर वर्क्स,पावर हाउस, सीवरेज सिस्टम, हर्बल गार्डन, स्टुडेंट्स फैसिलेशन सैंटर, बुम बैरियर आदि शामिल हैं। फेज वन के दुसरे टैंडर की प्रक्रिया हो चुकी है जिसमें 70 बेड का गेस्ट हाउस, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व अन्य विकास कार्य किये जायेंगे। द्वितीय चरण में 350 बॉयज़ की क्षमता वाला होस्टल, 280 गर्ल्स की क्षमता वाला होस्टल, एडमिन ब्लॉक, कैंटीन, सैंटर लाईब्रेरी, स्पोर्ट्स एंड स्टुडेंट्स एक्टिविटी सैंटर, कुलपति, कुलसचिव सहित फैकल्टी आवास निर्माण आदि कार्य किये जायेंगे।
लगभग दो साल के थोड़े ही समय में बड़ी तेजी से दो आधुनिक शैक्षणिक खण्डों का निर्माण कार्य पूर्ण किया है जिसमें विज्ञान की कक्षायें पिछले सत्र से जारी हैं। इन दोनों शैक्षणिक खण्डों में 12 स्मार्ट क्लास रूम होंगे जिनमें लगभग 780 विद्यार्थियों के बैठने की व्यवस्था है।
इन आधुनिक शैक्षणिक खण्डों में भूतल पर प्रशासन,कैंटीन,कॉमन लाईब्रेरी, 200 लोगों की क्षमता वाला मल्टीपर्पज लैब,सेमिनार हॉल,कांफ्रेंस हॉल, गर्ल्स एंड बॉयज़ कॉमन रूम, प्राथमिक उपचार कक्ष, कैमेस्ट्री, फिजिक्स, गणित,बायोटेक, बॉटनी,जूलॉजी,माईक्रोबायोलॉजी (लाइफ सांइस)के क्लास रूम, कम्प्यूटर लैब, विभागीय लैब तथा कार्यालय आदि हैं।
संपूर्ण भवन परिसर सीसीटीवी कैमरों से लैस होगा। स्मार्ट क्लास रूम होंगे, वाईफाई डेटा उपलब्ध होगा,लिफ्ट सिस्टम, बायोमिट्रिक हाजिरी की सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी।
विश्वविद्यालय के भवन निर्माण का कार्य कोरोना जैसे विकट दौर में भी युद्ध स्तर पर जारी रहा है। विश्वविद्यालय के अपने खुद के भवन निर्माण के सपने को साकार करने में विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोई कसर नहीं छोड़ी और दो अत्याधुनिक सुविधाओं वाले दो शैक्षणिक भवन बनाए जिनका नाम महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन तथा महान वैज्ञानिक डॉ हरगोबिंद खुराना रखा है।कुलपति ने विश्वविद्यालय में संचालित सभी कोर्सेज और उपलब्ध सुविधाओं के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय रोजगारपरक, गुणवत्तापूर्ण एवं संस्कारी शिक्षा प्रदान करने को कृत संकल्पित है।विद्यार्थियों को कम्यूनिटी एवं इंडस्ट्री से जोड़ने पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
सही प्रशिक्षण एवं उचित प्लेटफार्म उपलब्ध करवाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार करना विश्वविद्यालय की प्राथमिकता है।विश्वविद्यालय का रोजगार सृजन केंद्र जल्दी ही विद्यार्थियों के कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए शॉर्ट टर्म के कई स्किल कोर्सेज शुरू करेगा। विश्वविद्यालय द्वारा स्वरोजगार से आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने के सार्थक प्रयास
किए। उन्होन बताया कि भविष्य में विश्वविद्यालय खेल, शिक्षा और अनुसंधान के लिए देश के प्रमुख विश्वविद्यालयों की श्रेणी में गिना जाएगा और नए कोर्सेज भी संचालित किए गए हैं।
एमएससी योगा, बीएमएलटी, बी सीए,पीजी डिप्लोमा इन ट्रांसलेशन स्टडीज इंग्लिश एंड हिंदी,पीजी डिप्लोमा इन साइबर लॉ एंड सिक्योरिटी,पीजी डिप्लोमा इन म्यूजिक,पीजी डिप्लोमा इन डांस आदि ये नए कोर्सेज शुरू किए गए हैं ।

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