दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा “सुनो भाई साधो” भजन संध्या का भव्य आयोजन किया गया
चंडीगढ़। दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा इंदरधनुष ऑडिटोरियम सेक्टर 5 पंचकुला में भव्य संगीतमय भजन संध्या “सुनो भाई साधो” का आयोजन किया गया। जिसमें हरियाणा टिम्बर स्टोर के मैनेजिंग डायरेक्टर दिनेश सिंगला एवं ऑर्नरी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर अंशुल सिंगला का विशेष सहयोग रहा। इस कार्यक्रम में मुख्य मेहमान हरियाणा विधान सभा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता, विशेष अथिति मोहाली के एम एल ए सरदार कुलवंत सिंह, पंचकुला के मेयर कुलभूषण गोयल, पंजाब और हरियाणा के सीनियर एडवोकेट अजय जैन, हरियाणा टिंबर स्टोर के मैनेजिंग डायरेक्टर दिनेश सिंगला, भूतपूर्व डी जी पी राजिंदर सिंह, मनसा देवी बोर्ड पंचकुला के सेक्रेटरी वर्षा शारदा, सेवानिवृत सेशन जज और ह्यूमन राइट कमीशन हरियाणा के सदस्य कुलदीप जैन, लेमरिन टेक्निकल और स्किल के चांसलर संदीप कोड़ा जी उपस्थित हुए।
कार्यक्रम में संस्थान के संचालक एवं संस्थापक श्री आशुतोष महाराज जी शिष्या साध्वी वैष्णवी भारती एवं साध्वी जयंती भारती जी ने कार्यक्रम को वांचते हुए कहा कि सुनो भाई साधो ज्ञानी संत जनो के कंठ से उच्चारित वह करुणामयी व क्रांतिकारी विचार जो चेतावनी भी है और चुनौती भी। चेतावनी है कि सीमित जीवनकाल में असीमित संंभावनाओं को लेकर जन्मा ईश्वर अंश मनुष्य बिंदु से सिंधु होने का अवसर चूक न जाए। चुनौती है कि गुरु सत्ता की शरण में आकर ब्रह्मज्ञान की आभा में जीवन संग्राम का विजेता बन दिखाए। संतो और वाणियां हमें ईश्वर के समक्ष स्वयं का समर्पण करने को प्रेरित करती है। क्योंकि ईश्वर के सामने समर्पण का एक संकल्प हमारे जीवन की दिशा और दशा दोनो बदल सकता है। परमसुख एवं शांति की खोज करते संसार वन में भटक रहे मानव के लिए संतो ने ध्यान की गहराईयों में उतरकर अध्यातम पथ खोज निकला और प्रेरित किया के इसी पर चल कर तुम भौटिक जगत से आध्यात्म जगत में प्रवेश कर सकते हो। संत सद्गुरु मानव को भौतिक चिंताओं से अधयातमिक चिंतन ओर बढ़ाते हैं। ब्रह्मज्ञान द्वारा अंत: करण में ध्यान लगाने की कला सिखाते हैं। ध्यान में उतरकर ईश्वर से जुड़ा मन ही चिंता से मुक्त हो सकता है। भगवान की भक्ति का संंबंध जुड़ने पर ही भक्त यह अनुभव कर पाता है कि ईश्वर उसके अत्यन्त समीप, प्राणो के प्राण में बसा हुआ है। जिन भक्तों का भगवान के साथ प्रेम का अटूट संबन्ध बन जाता है , जो अपने जीवन की बागडोर प्रभु के हाथों में सौंप कर, उन्हें अपने जीवन रथ का सारथी बना लेते हैं। ऐसे प्राणों से प्रिय भक्तोँ की रक्षा के लिए सदैव प्रतिज्ञारत रहते हैं।
ब्रह्मानंद जी की रचना – “दो दिन का जग में मेला सब चला चली का खेला” इस में समझाया गया है की मृत्यु जीवन का अंतिम छंद है जिसे गाए बिना जीवन का काव्य पूरा नहीं माना जाता। परन्तु नश्वर संसार में अविनाशी आत्म तत्व का दर्शन प्राप्त करना ही हमारे जीवन का लक्ष्य कि।
कबीर जी की रचना “साधो सो सतगुरु मोहे भावे” से बताया कि गुरु एक कैटालिटिक एजेंट का कार्य करता है। कैटालिटिक एजेंट वह तत्व होता है जो स्वयं नहीं बदलता पर उसके सानिध्य में आये अन्य तत्वों में परिवर्तन उत्पन कर देता है। जैसे लोहे में जंग तब लगता है जब लोहा ऑक्सीजन के संपर्क में आता है। लोहे में जंग लगने में पानी कैटालिटिक एजेंट का कार्य करता है। परमात्मा की शक्ति भीतर है और गुरु जीव में शक्ति का प्राकट्य कर देता है।
कार्यक्रम में विषेश रूप से गौ सेवा आयोग हरियाणा के चेयरमैन शरवन दास, आई ए एस एकम केसर, सेवानिवृत जज सुरिंदर कुमार, स्टेट काउंसिल ऑफ चाइल्ड के चेयरमैन रंजीता मेहता, पार्षद जयवीर कौशिक, पार्षद सुशील गर्ग, बृज लाल, विक्रम भोजिया, उमेश सिंगला, आर एस एस से रमा कांत, रितु गोएल, पूर्व पार्षद सी बी गोयल, सुरिंदर सिंगला, ओमवती पुनिया, तेजपाल गुप्ता, रिवरडेल के डायरेक्ट विजय गर्ग, माया गार्डन से सतीश जिंदल, जे पी सिंगला, रेवती सिंगला, सेवानिवृत आई ए एस अशोक गोयल जी उपस्थित हुए।