हिमाचल मंत्रिमंडल के दो खाली पदों के लिए लाॅबिंग में जुटे विधायक
शिमला । लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद हिमाचल मंत्रिमंडल में खाली हुई दो सीटों को भरने के लिए लाॅबिंग शुरू हो गई है। मंत्री बनने के लिए कई विधायक अंदरखाते अपना दावा पेश कर रहे हैं। कुछ विधायक अपने विधानसभा हल्कों में भाजपा उम्मीदवार को मिली भारी बढ़त को आधार बनाकर मत्री पद झटकने की कवायद में जुटे हैं।
दरअसल लोकसभा चुनावों के बाद प्रदेश मंत्रिमंडल में मंत्रियों के दो पद खाली हुए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम के बेटे अनिल शर्मा ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था, जबकि कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से किशन कपूर के सांसद चुने जाने के बाद उनकी सीट खाली हो गई है। अनिल शर्मा उर्जा तथा किशन कपूर खाद्य आपूर्ति मंत्री थे। अनिल मंडी और किशन कपूर कांगड़ा जिला से संबंध रखते हैं।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर वरिष्ठ व अनुभवी विधायकों को तवज्जो देते हैं या फिर क्षेत्रीय राजनीतिक संतुलन बिठाते हुए कोई बड़ा सियासी तीर चलते हैं, यह तो समय बताएगा, मगर फिलवक्त कांगड़ा के नूरपुर से विधायक राकेश पठानिया, कांगड़ा के ज्वालामुखी से विधायक और राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश चंद धवाला तथा मंडी के सरकाघाट के विधायक इंद्र सिंह का नाम दावेदारों में हैं। राकेश पठानिया और इंद्र सिंह तीसरी बार विधायक बने हैं। वहीं धवाला वरिष्ठ विधायक हैं तथा पूर्व की धूमल सरकार में मंत्री रह चुके है। इस बार जयराम ने उन्हें राज्य योजना बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाया है। विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिंदल का नाम भी मंत्री पद के लिए चर्चा में है। राज्य में सतारूढ़ होने के बाद जब मंत्रिमंडल का गठन हुआ था, उस दौरान भी बिंदल की दावेदारी प्रबल थी, मगर उन्हें विस अध्यक्ष बनाया गया। अब चर्चा है कि उनके नाम पर भी विचार हो सकता है।
इस पूरे मामले पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का कहना है कि पार्टी आलाकमान से विचार विमर्श के बाद मंत्री के खाली पदों पर फैसला लिया जाएगा। मंत्री बनाते वक्त सभी पहलुओं का ध्यान रखा जाएगा।