हिंसा की शिकार महिलाएं इधर-उधर ना भटके, वे वन स्टॉप सेंटर का लाभ उठाएं: सीजेएम कपिल राठी
भिवानी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन व जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक अग्रवाल के निर्देशानुसार सीजेएम कम जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव कपिल राठी ने सखी वन स्टॉप सेंटर का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान सीजेएम ने कहा कि हिंसा की शिकार महिलाएं इधर-उधर ना भटके, वे वन स्टॉप सेंटर का लाभ उठाएं। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी श्री राठी ने सखी वन स्टॉप सेन्टर पर स्टॉप की स्थिति, पीडि़त महिलाओं को दी जाने वाली विधिक सहायता, चिकित्सकीय सुविधा, फर्स्ट एड बॉक्स की व्यवस्था, पीडि़त महिला के साथ हुई घटना के संबंध में पुलिस के प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाने की कार्रवाई, मनो सामाजिक परामर्श, कुशल परामर्शदाता, पीडि़ता को अस्थाई आश्रय की सुविधा, स्नानागार, पर्याप्त शयन व्यवस्था, पीडि़ताओं को दैनिक उपयोग की वस्तुओं की उपलब्धता, भोजन की व्यवस्था, गत माह में आश्रय प्रदान की पीडि़त महिलाओं आदि के संबंध में पूछताछ कर जांच की गई। उन्होंने सखी वन स्टॉप सेन्टर द्वारा पीडि़त महिलाओं को दी गई सहायता के संबंध में रजिस्टर आदि की जांच कर व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए भी कहा। सीजेएम ने बताया कि अक्सर हमारे समाज में महिलाओं के साथ दरिंदगी और अत्याचार की घटनाएं सामने आती रहती है। जिसके बाद महिला को तरह-तरह की हिंसा झेलनी पड़ती है। उस समय महिला को मैडिकल, कानूनी आदि तमाम तरह की जरूरत पड़ती है, लेकिन उसकी सहायता नहीं हो पाती है और वो लाचारों की तरह इधर से उधर भटकती है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा ‘वन स्टॉप सेंटर योजना’ की शुरुआत की गई। सीजेएम कपिल राठी ने जानकारी देते हुए बताया वन स्टाफ सेंटर में किसी भी तरह की हिंसा झेल रही महिला, बलात्कार, लैंगिक हिंसा, घरेलू हिंसा, ट्रैफिकिंग, एसिड अटैक विक्टिम, विच हंटिंग, दहेज संबंधित हिंसा, सती, बाल यौन शोषण, बाल विवाह, भ्रूणहत्या जैसे मामलों से पीडि़त कोई भी महिला यहां आ सकती है। सखी वन स्टॉप सेंटर का लाभ 18 वर्ष से कम उम्र की पीडि़त लड़कियों सहित सभी महिलाएं उठा सकती है। इस अवसर पर सखी वन स्टॉप सेंटर इंचार्ज मंजूबाला व स्टाफ मौजूद था।