बढ़ोतरी के विरोध में अभिभावकों ने घेरा शिक्षा निदेशालय

शिमला । निजी स्कूलों की मनमानी,लूट व भारी फीसों के खिलाफ छात्र अभिभावक मंच ने तीसरे चरण के आंदोलन के तहत बुधवार को शिक्षा निदेशालय शिमला के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया व इसके बाद उच्चतर शिक्षा निदेशक को 24 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा।
मंच ने चेताया कि अगर भारी फीसों में कटौती न की गयी तो आंदोलन तेज होगा। इसके तहत 24 जून,1जुलाई व 4-5 जुलाई को शिक्षा निदेशालय पर प्रदर्शन होंगे। 
इस बीच मंच का प्रतिनिधिमंडल शिक्षा मंत्री से मिलकर निजी स्कूलों पर ठोस कार्रवाई की मांग करेगा।

मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि मंच के आंदोलन के फलस्वरूप 18 मार्च, 8 अप्रैल व 4 मई को उच्चतर शिक्षा निदेशक ने भारी फीसों पर अंकुश लगाने के लिए तीन अधिसूचनाएं जारी की थीं। इसके साथ ही शिक्षा अधिकारियों ने पूरे प्रदेश में निजी स्कूलों की 8 से 22 अप्रैल तक इंस्पेक्शनें कीं। इन इंस्पेक्शनों के फलस्वरूप 4 मई को शिमला,सोलन,हमीरपुर,मंडी,कुल्लू,बिलासपुर,कांगड़ा व सिरमौर जिला के 96 निजी स्कूलों को पत्र लिख कर फीसें कम करने व इसकी अनुपालना 7 दिन के अंदर करने के निर्देश जारी किए गए थे। लेकिन इस सबके बावजूद इन  आदेशों व अधिसूचनाओं पर निजी स्कूलों ने रत्ती भर भी कार्य नहीं किया। 
उन्होंने कहा है कि लगभग चार महीने बीतने के बावजूद भी निजी स्कूलों के खिलाफ ज़मीनी स्तर  पर कोई कार्रवाई नहीं दिख रही है। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर निजी स्कूलों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। इसी कारण शिक्षा विभाग के अधिकारी अपनी ही अधिसूचनाओं को लागू करवाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। शिक्षा अधिकारियों की लचर कार्यप्रणाली के कारण छात्रों व अभिभावकों को बेवजह है वर्ष हज़ारों रुपयों का चूना लग रहा है।
उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर निजी स्कूलों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। इसी कारण शिक्षा विभाग के अधिकारी अपनी ही अधिसूचनाओं को लागू करवाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। इसके फलस्वरूप निजी स्कूल शिक्षा निदेशालय की अधिसूचनाओं व आदेशों को धत्ता बताकर समानांतर व्यवस्था चला रहे हैं।

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