कंप्यूटर टीचर्स का अनुबंध बंद, कागजों में सिमटी कंप्यूटर शिक्षा

गुरुग्राम । सरकार वैसे तो तकनीकी शिक्षा देने के लिए उपकरणों व सुविधाओं पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन सही प्रबंधन की वजह से योजनाएं दम तोड़ रही हैं। इस समय हरियाणा में ऐसा ही कुछ हो रहा है। सरकार की ओर से स्कूलों में शुरू की गई कंप्यूटर शिक्षा को पलीता लग रहा है। ऐसा इसलिए कि सरकार ने अनुबंध आधार पर लगाए कंप्यूटर शिक्षकों का अनुबंध बढ़ाया नहीं और वे घर बैठा दिए गए। इस तरह से कंप्यूटर शिक्षा कागजों में ही सिमट कर रह गई है। हरियाणा के सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा के लिए वर्ष 2013 में शिक्षा विभाग द्वारा कुल 2600 कंप्यूटर टीचर की अनुबंध आधार पर भर्ती की गई थी। मगर शिक्षकों का अनुबंध नियमित नहीं किया गया।हरियाणा के करीब 2600 कंप्यूटर टीचर अपनी नौकरी की बहाली की मांग को लेकर एक बार फिर से सड़कों पर उतरकर आंदोलन की राह चल रहे हैं। कंप्यूटर शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष बलराम धीमान के मुताबिक हर कंप्यूटर शिक्षक अपनी क्षमता से अधिक बच्चों को शिक्षा दे रहा था। किसी तरह की कोई शिकायत नहीं थी। इस मामले में अदालत की ओर से भी उनके पक्ष में ही पूर्व में निर्णय दिया गया था कि एक अनुबंध कर्मी को हटाकर दूसरे अनुबंध कर्मी को नहीं लगाया जा सकता। इसलिए सरकार ऐसा नहीं कर सकती। अब शिक्षा विभाग के पास ना तो नियमित कंप्यूटर शिक्षक भर्ती है और ना ही पहले से कार्य कर रहे कंप्यूटर शिक्षक। लैब सहायकों के भविष्य को लेकर कोई समाधान नहीं हो रहा। स्कूलों में अब हालत यह हो गई है कि करोड़ों की लागत से बनाई गई कंप्यूटर लैब और उनमें रखे उपकरण धूल फांक रहे हैं। प्रदेशभर में करीब 3100 स्कूलों में ये लैब बनाई गई थी।

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