बिजली विभाग के निगमीकरण का विरोध, पांच से संघर्ष

चंडीगढ़। बिजली विभाग के किए निगमीकरण के खिलाफ बिजली कर्मचारियों का संघर्ष वीरवार को दूसरे दिन भी जारी रहा।  संघर्षो की कड़ी में यूनियन द्वारा बिजली दफ्तर, सैक्टर 15 के सामने रोष में रैली निकाली गई। रैली को सम्बोंधित करते हुए यूनियन के महासचिव गोपाल दत्त जोशी ने दो दशक पहले शुरू किए गए आर्थिक सुधारों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि तथाकथित सुधारों का हवाला देकर तथा बिजली क्षेत्र की वित्तीय हालात सुधारने के नाम पर देश के बिजली बोर्डो को तोड़कर कारपोरेशन व कम्पनियां बना दी गर्इं। इसके लिए करोड़ो रुपए का अनुदान भी दिया गया। साथ ही इन कम्पनियों को बिजली की दरें बढ़ाने की खुली छुटृी भी दी गई। आज बिजली की दरों में भारी बढोतरी करने तथा जनता पर भारी टैक्स लगाने के बावजूद जनता को सहूलियत नहीं दी गई फिर भी अविघटित बिजली बोर्डो का घाटा जो कुछ करोड़ में था। आज कई सौ करोड़ पहुंच चुका है। महाराष्ट्र में एनरान कम्पनी का बिजली का उत्पादन बीच में ही छोड देना, उडीसा में तूफान के बाद बिजली की आपूर्ति करने से मना कर देना, आन्ध्र प्रदेश में बिजली की दरों में भारी बढ़ोतरी के खिलाफ संघर्ष कर रहे निर्दोष जनता पर गोली चलाकर मौत के घाट उतारना तथा बिजली की दरों में बढ़ोतरी के खिलाफ जनता का तीखा संघर्ष आदि इन नीतियों का दुष्परिणाम सामने है।  यूनियन के पदाधिकारी ध्यान सिंह ने इन नीतियों के सीधे तौर पर फेल होने का जिक्र करते हुए कहा कि बोर्डो को तोड़कर बनाये गए कापोर्रेशनों व कम्पनियों ने अपना मुनाफा बढ़ाने के लिए अपने आप को दिवालिया तक घोषित करने में भी हिचक नहीं दिखाई। जनता की नाराजगी को देखते हुए केन्द्र सरकार को इन कम्पनियों को 1.90 लाख करोड़ का बेलआउट पैकेज देना पड़ा है। हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि पुणे व पांडीचेरी की सरकारो ने बिजली की पॉरपोरेशनों को भंग कर इन्हें सरकार के अधीन ले लिया। इस लिए चंडीगढ़ प्रशासन इन सच्चाईयों से सबक लेकर निगमीकरण करने का प्रस्ताव को तुरंत रद्द करें। क्योंकि प्राईवेट कम्पनियों का मकसद केवल और केवल मुनाफा कमाना है।

कर्मचारी नेता अमरीक सिंह बिजली बोर्डो को तोड़कर बनाए गये कारपोर्रेशनों व कम्पनियों द्वारा बिजली के दाम बढ़ाकर जनता पर भारी बोझ डालने तथा बिजली क्षेत्र को तबाह करने का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि यूटी प्रशासन बिजली क्षेत्र को अपने अधीन रखते हुए सुधार लागू कर जनता को सस्ती व निर्विघ्न बिजली सप्लाई दे। पान सिंह प्रशासन को जोर देकर कहा कि प्रशासन निगमीकरण करने की बजाए विभाग में खाली पड़ी पोस्टों को भर कर तथा स्टोर में सामान का प्रबंध कर जनता को निर्विघ्न बिजली आपूर्ति करना यकीनी बनायें। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी की अगर सुचारू रूप से चल रहे बिजली विभाग को कॉरपोरेशन में तबदील कर तहस-नहस करने की कोशिश की गई तो यूनियन लड़ीवार संघर्षो की कड़ी में सभी कार्यालयों के सामने रोष प्रदर्शन कर 5 अगस्त को बिजली दफ्तर, सैक्टर 17 के सामने विशाल रोष धरना देगी जिसमें अगले संघर्षो का ऐलान करेगी जिसमें क्लोनियों, सैक्टरों व मार्किट में जत्था मार्च कर आम लोगो को जागरूक कर पर्चे वितरित किये जाएगे उसके बाद सभी राजनैतिक पाटीर्यों, ट्रेड यूनियनों, रैजींडेंट वेलफेयर ऐसोसिएशनो की मीटिंग बुलाकर सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा तथा सभी वर्गो को साथ में लेकर हड़ताल का आहवान भी किया जाएगा। रैली को गुरमीत सिंह, दलेर सिंह, रणजीत सिंह, सुरेन्द्र गोयल, सुखविन्द्र सिंह, लखविन्द्र सिंह, राम गोपाल आदि यूनियन के अन्य पदाधिकारियों ने सम्बोंधित किया।

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