देश में असुरक्षित भवनों में चल रहे हैं 21 केंद्रीय विद्यालय

नई दिल्ली । सरकार बेहतर शिक्षा देने का दावा करती है, लेकिन देश के 21 केंद्रीय विद्यालयों की इमारतों को असुरक्षित घोषित किया जा चुका है। इसके बावजूद छात्र-छात्राएं जर्जर इमारतों में पढ़ने को मजबूर हैं।

सोमवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि देश के सीमावर्ती, पहाड़ी और जनजातीय क्षेत्रों सहित 21 केंद्रीय विद्यालयों (केवी) के स्कूल भवन आंशिक अथवा पूर्ण रूप से असुरक्षित पाए गए हैं। इस सूची में सबसे अधिक महाराष्ट्र के आठ, असम के तीन, गुजरात और उत्तर प्रदेश के दो-दो, केरल, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और अगरतला का एक-एक स्कूल शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि गुजरात के जामनगर, महाराष्ट्र के चांदा में एक और थाणे सहित तीन केंद्रीय विद्यालयों की पूरी इमारत असुरक्षित है। इसके अलावा शेष स्कूलों की आंशिक इमारतें ही असुरक्षित हैं। निशंक ने बताया कि 21 असुरक्षित भवनों में से चार केवी में असुरक्षित स्कूल भवनों के प्रतिस्थापन कार्य (उसी स्थान पर नई इमारत) की स्वीकृति दी गई है। इसमें पहला, गुजरात के जामनगर का एयरफोर्स स्टेश नस्कूल, दूसरा महाराष्ट्र में थाणे का एयरफोर्स स्टेशन स्कूल, महाराष्ट्र का ही ऑडिनेंस फैक्टरी चांदा का स्कूल और महाराष्ट्र में ही नासिक रोड कैम्प स्कूल शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि शेष 17 केंद्रीय विद्यालयों के संबंध में मरम्मत व प्रतिस्थापन कार्य निर्माण एजेंसियों से अनुमान प्राप्त होने पर और पर्याप्त निधियों की उपलब्धता पर स्वीकृति दी जा सकती है। तथापित, विद्यालय को असुरक्षित भवन में न चलाने के संबंध में अनुदेश भी जारी किए गए हैं।

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