चण्डीगढ़ का मेयर सीधे चुनाव से चुना जाना चाहिए :- जयराम रमेश

चंडीगढ़। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि भाजपा के दस साल के कुशासन के बाद चंडीगढ़ ने अपनी चमक और अतीत का गौरव खो दिया है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार मनीष तिवारी शहर के सिविल सोसाइटी के प्रमुख सदस्यों, नागरिक एवं समाजिक संस्थाओं के नेताओं के साथ-साथ विशेषज्ञों से शहर की पुरानी शान को बहाल करने के लिए रोडमैप तैयार करने पर गहनता से विचार कर रहे हैं। जयराम ने ज़ोर देकर कहा कि कानून में संशोधन किया जाना चाहिए ताकि शहर के मेयर का चुनाव पांच साल की अवधि के लिए प्रत्यक्ष चुनावों के माध्यम से किया जा सके। चण्डीगढ़ के सात लाख मतदाताओं द्वारा सीधे निर्वाचित मेयर शहर के कल्याण और विकास परियोजनाओं के लिए काम करने के लिए अपने अधिकारों का प्रयोग ज्यादा शक्ति से कर सकता है। जयराम ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह सरकार के दौरान कांग्रेस ने चंडीगढ़ को आईटी हब के रूप में विकसित करने का प्रयास शुरू किए थे, इस उद्देश्य में सफ़लता मिलनी शुरू हुई ही थी, जब 2014 में सरकार बदलने के बाद नई सरकार ने पिछले किए सारे काम को नकार दिया। 04 जून के बाद इंडिया ब्लॉक सरकार के सत्ता में आने के बाद राष्ट्रीय और बहुराष्ट्रीय आईटी कंपनियों को आमंत्रित किया जाएगा, ताकि चंडीगढ़ और आसपास के राज्यों के युवाओं को उनके घर के पास ही आकर्षक रोज़गार मिल सके। उन्होंने कहा कि उन्हें कोई कारण नहीं दिखता कि चंडीगढ़ को आईटी हब के रूप में क्यों नहीं विकसित किया जा सकता। जयराम रमेश ने याद किया कि कैसे उन्होंने भारत के पर्यावरण मंत्री के रूप में सुखना झील के पास एक बड़ी बहुमंजिला आवासीय परियोजना को रोक दिया था। उन्होंने कहा कि उनका दृढ़ मत था कि एक रसूखदार कंपनी द्वारा बनाई जा रही आवासीय परियोजना सुखना झील को नष्ट कर देती और बाद में उच्च न्यायालय ने भी वहां निर्माण फिर से शुरू करने से इनकार कर दिया और पर्यावरण मंत्रालय के फ़ैसले को सही ठहराया। किसानों के लिए कांग्रेस की न्याय गारंटी के बारे में बोलते हुए जयराम ने कहा कि जब दिल्ली में इंडिया ब्लॉक की सरकार बनेगी तो फ़सलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दी जाएगी और किसानों के बैंक ऋण माफ किए जाएंगे।
जयराम ने आगे कहा कि भारत के लोग पहले चरण से ही लगातार भारतीय ब्लॉक सरकार चुनने के लिए मतदान कर रहे हैं और भाजपा भी इस बात से वाकिफ है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर चुनाव के दो चरणों के बाद अपना रुख बदलने और चुनावों को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिशों करने का आरोप लगाया। जयराम ने दुख जताते हुए कहा कि जब हम गरीबों और वंचितों के आर्थिक उत्थान की बात करते हैं तो प्रधानमंत्री धर्म को चर्चा में ले आते हैं। लेकिन वे कभी भी लोगों के वास्तविक मुद्दों को संबोधित नहीं करते। जयराम ने आगे कहा कि अब लोगों को एहसास हो गया है कि मोदी सरकार भारत के संविधान को कमजोर कर रही है और वे कांग्रेस पार्टी की प्रगतिशील और समावेशी नीतियों से प्रभावित हैं, इसलिए बड़ी भारी संख्या में इन्डिया बलाक के उम्मीदवारों के पक्ष में वोट डाल रहे हैं।

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