*इम्तिहान के दिनों में स्टूडेंट्स की पढ़ाई का ख्याल किए बिना केबल इंटरनेट के कनेक्शन काटना कितना सही ? – प्रेम गर्ग*

चंडीगढ़। इम्तिहान के दिनों में चंडीगढ़ के स्टूडेंट्स एक नई मुसीबत से परेशान हो रहे हैं, वह है नगर निगम द्वारा लगभग सारे शहर में अनधिकृत केबल व इंटरनेट के कनेक्शन काटना। दूरसंचार प्रतिनिधियों के दावे के बावजूद कि बहाली का काम शुरू हो गया है, पूरे चंडीगढ़ में अवैध रूप से और बिना अनुमति के लगाए गए ओवरहेड ब्रॉडबैंड केबलों के खिलाफ नगर निगम (एमसी) अभियान हजारों लोगों को असुविधा का कारण बना रहा है। बदस्तूर चल रहा एमसी ड्राइव पिछले महीने शुरू हुआ था। सेक्टर 16, सेक्टर 15, सेक्टर 20, सेक्टर 29, 30, सेक्टर 44, 45, 47, धनास, फेज-1, औद्योगिक क्षेत्र, दरिया गांव में केबल की तारें हटाई गईं।

आम आदमी पार्टी के संयोजक प्रेम गर्ग का मानना है कि नगर निगम प्रोटोकॉल के तहत कार्य करने का पूरा अधिकार है, लेकिन उन्हें आम नागरिकों की समस्याएं भी तो देखनी चाहिए। उनका कहना है कि एग्जाम का वक्त गुजरने तक नगर निगम को केबल व इंटरनेट कंपनियों को मोहलत दे देनी चाहिए थी ताकि वह तब तक इन कनेक्शन को नियमित करवा लें और स्टूडेंट्स को भी इम्तिहान के दिनों में इंटरनेट के बिना कोई परेशानी ना हो।
वैसे भी इंटरनेट कम्पनीओं की गलती की सजा पब्लिक क्यों भुक्ते? पब्लिक तो हर महीने कंपनी को बाक़ायदा पैसे जमा करवाती है।और शायद कनेक्शन काटने पर भी कंपनियाँ बिल भेजती रहेंगी। इस से तो अच्छा होता की तारें काटने की बजाए कंपनियों को लोगों से पैसे लेने पर रोक लगाई जाती, या कंपनियों के बैंक अकाउंट से सीधा पैसे MC के अकाउंट मैं ट्रांसफ़र होने का प्राभधान होता। यही बात पेड पार्किंग के ठेकेदार के साथ होनी चाहिए थी। जब तक कंपनी अपनी गलती सुधार नहीं लेती, सारा पैसा नगर निगम के अधिकार में रहता।

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