उत्तराखण्ड : विस शीतकालीन सत्र के पहले दिन सत्ता पक्ष के सदस्यों से घिरे मंत्री, महंगाई पर कांग्रेस का प्रहार

महंगाई पर कांग्रेस का प्रहार, चैंपियन को सत्तापक्ष नहीं, असंबद्ध विधायक में मिली जगह   
सदन के पटल पर मंत्रियों के वेतन-भत्ते, उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद समेत कई संशोधन विधेयक रखे

देहरादून । उत्तराखण्ड का चतुर्थ विधानसभा सत्र का तृतीय शीतकालीन सत्र दोपहर भोजनकाश तक सुचारू रूप से चला। इस दौरान सदन में सरकार की ओर से सदन के पटल पर कई संशोधन विधेयक रखे गए। विपक्ष सदन में सरकार को बढ़ती महंगाई पर घेरते हुए आम आदमी के हितों में सरकार को काम करने की नसीहत दी। हालांकि विपक्ष से ज्यादा सरकार के मंत्री अपने विधायकों के ही सवालों से घिरे रहे।  बुधवार को 11 बजे के करीब वंदेमातरम के साथ सदन शुरू हुआ। इस दौरान सदन के नेता व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत भी मौजूद रहे। कार्यवाही शुरू होते ही अध्यक्ष ने सदन को पिथौरागढ़ उपचुनाव में जीती भाजपा विधायक चंद्रा पंत के निर्वाचन की सूचना दी। सत्र की कार्रवाई शुरू होते ही विपक्ष ने महंगाई का मुद्दा उठाते हुए प्रश्नकाल रोककर इस पर चर्चा की मांग रखी। इस दौरान विपक्ष ने हंगामा किया। विधायक पुष्कर धामी सब्जियों की माला पहना वेल में पहुंच तो विधायक राजकुमार गैस सिलेंडर का होर्डिंग लेकर वेल में पहुंचे। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश की महंगाई से सम्बंधित सूचना को नियम 58 में सुनने को पीठ ने विश्वास दिलाया तब नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश और प्रीतम सिंह अन्य सदस्य शांत हुए। इसके पश्चात प्रश्नकाल में सभी सदस्यों का प्रश्नों का उत्तर संबंधित मंत्री बारी-बारी से दिए।
प्रश्नकाल के बाद सदन के पटल पर (संसोधन विधेयक) अध्यादेश लाए गए। इसमें उत्तराखंड मंत्री (वेतन भत्ता और प्रकीर्ण उपबन्ध ) संशोधन विधेयक 2019 और उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमीदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950) संशोधन विधेयक। उत्तराखंड/उत्तर प्रदेश लोक सेवा शारीरिक रूप से विकलांग स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों और पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण) अधिनियम 1993 संशोधन विधेयक के साथ ही उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद संशोधन विधेयक 2019 सदन के पटल पर रखे गए। नेता प्रतिपक्ष नियम 58 के तहत चर्चा में भाग में लेते हुए भाजपा सरकार को ​गरीब विरोधी बताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश से लेकर देश में महंगाई चरम पर है लेकिन सरकार का इस और कोई ध्यान नही है। प्याज के आलावा दूध, दही हर प्रकार की वस्तुएं की दाम आसमान छू रहे है। हाल यह है कि राशन के दुकान पर आनाज नही है। ऐसे में आम निर्धन आम दंगी है। इससे साफ यह जाहिर हो रहा है कि सरकार का बजट पूरी तरह से फेल है। 

प्रीतम सिंह ने डबल इंजन की सरकार नारों को याद दिलाते हुए कहा कि सत्ता में आते ही सरकार की नियम बदल जाती है। हम कांग्रेस राज्य में सिंग्गल इंजन में प्रदेश की जनता को सस्ते दामों पर चिनी,राशन उपलब्ध कराते थे। लेकिन डबल इंजन की विकास की बातें पूरी तरह विफल साबित हुई है। कहा कि हाल यह है कि गरीबों के मुंह से निवाला छिना जा रहा है। 
चैंपियन को सत्तापक्ष नहीं, असंबद्ध विधायक में मिली जगह 

अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने भाजपा से निष्कासित खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन सत्तापक्ष के साथ नहीं बल्कि असंबद्ध विधायक के रूप में अलग बैठने की व्यव्स्था। उन्होंने बताया कि यह व्यवस्था भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भटृ के पत्र के माध्यम किया गया है। वहीं पूरे सदन की कार्यवाही तक चैंपियन शांत बैठे कर सदन की कार्यवाही में भाग लिए। 
विलुप्त होती जीव जंतुओं परप्रीतम, मुन्ना चौहान ने मंत्री हरक को घेरा 

सदन में विपक्ष से ज्याद सत्ता पक्ष के विधायक आक्रमक दिखे। निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह ने विलुप्त होते जीवों पर सवाल पूछा और वन मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए। उन्हें इस दौरान सत्ता पक्ष के विधायक मुन्ना सिंह चौहान का भी साथ मिल गया तो हरक सिंह रावत झल्ला गए। उन्होंने कह दिया कि वह एक्सपर्ट नहीं है जो बताया गया है वही बोल रहे हैं। विलुप्त होती जीव जंतुओं पर चर्चा के दौरान निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने वन मंत्री से पूछा कि क्या प्रदूषण के कारण जीव जंतुओं की प्रजातियां विलुप्त हो रही हैं? जवाब में वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में 3,748 जीव-जंतुओं में से कोई भी प्रजाति विलुप्ति के कगार पर नहीं है। पिछले 2 दशक में कोई भी प्रजाति लुप्त नहीं हुई है। चौहान ने वन मंत्री के जवाब पर सवाल उठाते हुए कहा कि कहा ऐसा नहीं हो सकता, गिद्ध जैसे जीव लगातार कम हो रहे हैं।
हरक सिंह रावत वन विभाग और कौशल विकास विभागों के सवालों पर भी घिरते दिखे। जब भाजपा विधायक चंदन राम दास ने प्रदेश में बंद हो रहे आईटीआई को लेकर हरक सिंह रावत से पूछा सवाल तो उन्होंने कहा कि कोई प्रदेश में आईटीआई बंद नही हो रहा है। इस पर मेजे थपथपाई गई। मंत्री ने बताया कि जिन आईटीआई के लिए भूमि नही मिल रही है वहां भवन बनाने में दिक्कत आ रही है। 

वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि जीव जन्तुओं की सटीक गणना नहीं हुई है क्योंकि इसका की तरीका अभी तक नहीं है। मुन्ना सिंह चौहान ने इस मामले को गंभीर बताया और कहा कि वन विभाग के पास सभी जीव जंतुओं के विलुप्ति के सटीक आंकड़े होने चाहिए जिस पर मंत्री ने कहा कि अधिकारियों के दिए आंकड़े रख रहा हूं। वहीं प्रीतम सिंह ने मोबाइल टावरों से पक्षियों को नुकसान होने को लेकर भी वन मंत्री से सवाल किया। 

कौशल मंत्री हरक सिंह रावत के जवाब पर भाजपा विधायक पूर्ण सिंह फर्त्याल ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने अपने विधानसभा छेत्र में 3 आईआईटी बंद करने की कार्यवाही का जिक्र करते हुए कहा ​कि जमीन उपलब्ध होने के बाद भी बंद हो रहे है। आईटीआई कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने अल्मोड़ा के नैनी बंद करने का सदन में उठाया मामला।

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