औषधीय उद्योग के सुदृढ़ीकरण योजना पर एक दिवसीय शिविर आयोजित

सोलन। रसायन, उर्वरक मंत्रालय, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार तथा लघु उद्योग भारती और हिमाचल ड्रग्स निर्माण संघ के संयुक्त तत्वावधान में ज़िला सोलन के बद्दी में फार्मास्युटिकल विभाग भारत सरकार द्वारा औषधीय उद्योग के सुदृढ़ीकरण योजना पर एक दिवसीय जागरूकता शिविर का अयोजन किया गया। शिविर की अध्यक्षता रसायन, उर्वरक मंत्रालय, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के राज्य मंत्री भगवंत खुबा ने की।
उन्होंने कहा कि फार्मास्युटिकल विभाग ने विभिन्न योजनाएं लागू की है जो कि उद्योगपतियों के लिए मैत्रीपूर्ण साबित हुई है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा उद्योगपतियों के सुझावों को लेकर नीतियां बनाई गई है जिनसे उद्योगपतियों और सरकार के मध्य सकारात्मक तालमेल बना है।
भगवंत खुबा ने कहा कि देश में फार्मास्युटिकल सैक्टर में हिमाचल प्रदेश के फार्मा उद्योगों के उत्पादन की 35 प्रतिशत हिस्सेदारी है जिसमें 20 प्रतिशत हिस्सेदारी बद्दी क्षेत्र की है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक छोटा राज्य है परंतु देश के फार्मास्युटिकल क्षेत्र में इसकी हिस्सेदारी सराहनीय है।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 जैसी विश्व महामारी के दौरान भारत के संघर्ष में फार्मास्युटिकल कम्पनियों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। फार्मास्युटिकल कम्पनियों और सरकार की साझेदारी से आज भारत दवाइयों के लिए किसी भी देश पर निर्भर नहीं है। उन्होंने आशा जताई कि आने वाले समय में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कम्पनियां अनुसंधान, विकास और नवीनता पर बल देगी। उन्होंने उद्योगपतियों से भारत सरकार को अपने सुझाव देने का आग्रह किया।
रसायन मंत्री ने कहा कि वे बद्दी इसलिए आए है ताकि उद्योगपतियों की समस्याओं और सुझाव को भारत सरकार तक पहुंचाया जा सके और उद्योग जगत के लिए बेहतर नीतियों तैयार की जा सके।
उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान भारत में जितनी भी फार्मास्युटिकल उत्पादन निर्यात हुए उनकी गुणवत्ता के संदर्भ में कोई शिकायतें दर्ज नहीं की गई। उन्होंने कहा कि भारत में बनाई जा रहे फार्मास्युटिकल उत्पाद अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरें उतरे है जो सराहनीय कार्य है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा दे रही है और आयात में कमी ला रही है ताकि अधिक से अधिक स्वदेशी वस्तुओं का निर्माण हो सके।
इस अवसर पर भगवंत खुबा ने असिस्टेंस टू फार्मा इंडस्ट्रीज फॉर कॉमन फैसिलिटीज (एपीआई-सीएफ), फार्मास्युटिकल टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन असिस्टेंस स्कीम (पीटीयूएएस) और फार्मास्युटिकल एंड मेडिकल डिवाइसेज प्रमोशन एंड डेवलपमेंट स्कीम (पीएमपीडीएस) योजनाओं के बारे में जागरूक किया। उन्होंने बताया कि ये योजनाएं फार्मास्युटिकल क्षेत्र में एम.एस.एम.ई. इकाइयों के टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन के लिए क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल और ब्याज सब्सिडी प्रदान करती हैं।
उन्होंने उद्योगपतियों से केन्द्र सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने का आग्रह किया और भारत को फार्मास्युटिकल विश्व हब बनाने के लिए सहयोग की अपील की।
प्रधान सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग हिमाचल प्रदेश सुभाष शिश पांडा ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर ऑल इंडिया हेड एल.यू.बी. तथा अध्यक्ष एच.डी.एम.ए. डॉ. राजेश गुप्ता, प्रधान सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग हिमाचल प्रदेश सुभाष शिश पांडा, निदेशक उद्योग विभाग हिमाचल प्रदेश राकेश प्रजापति, फार्मास्युटिकल विभाग की सचिव अर्पणा, फार्मास्युटिकल भारत सरकार के उप निदेशक अभिषेक सिंह, उपमण्डलाधिकारी नालागढ़ महेन्द्र पाल गुर्जर सहित फार्मा उद्योगों के उद्योगपति उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published.