झोलाछाप डाक्टरों से परेशान है दून घाटी
देहरादून । उत्तराखंड में फर्ज डाॅक्टरों की भरमार है। डा. बंगाली, डाॅ. कुमार जैसे नाम रखकर फर्जी चिकित्सा केन्द्रों को संचालित किया जा रहा है। बावासीर व अन्य ऐसे ऑपरेशन के नाम पर लोगों को फर्जी प्रमाण पत्र धारी लगातार लूट रहे हैं लेकिन समय-समय पर कार्यवाही होने के बावजूद उनकी कारगुजारियां कम नहीं हो रही। मलिन बस्ती क्षेत्रों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे ही चिकित्सक अपनी रोटी धड़ल्ले से चला रहे हैं। इनमें से अधिकांश डाॅक्टर या बंगाल के हैं या बांग्लादेशी है। कांवली रोड पर भी ऐसे ही कई चिकित्सक अपना कारोबार संचालित कर रहे हैं। प्रशासन की नाक के नीचे चल रहे इस कारोबार पर कार्यवाही होने के बाद यह लोग अपना कारोबार कुछ दिन के लिए बंद कर देते हैं और दुबारा फिर वहीं कार्यवाही करने लगता है। ऐसा ही एक मामला डाॅ. कमल कुमार शर्मा द्वारा पकड़ा गया है। उन्होंने उक्त फर्जी चिकित्सक पर कार्यवाही की। जानकारी देते हुए डाॅ. कुमल कुमार ने बताया कि एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए हरबर्टपुर में मजूमदार मेडिकल सेंटर को मानकों की अनदेखी व मेडिकल सर्टिफिकेट नहीं दिखाने पर सील कर दिया गया है। यह कार्यवाही नायब तहसीलदार पंचम सिंह नेगी व उनके सहयोगियों द्वारा की गई है। कार्रवाई के दौरान एक महिला को पकड़ा गया, जो खुद को डॉक्टर की पत्नी बताती है। डॉक्टर की डिग्री नहीं मिलने और जैविक कूड़े को सामान्य कूड़े में डालने पर नर्सिंग होम को सील कर दिया गया है।