देश के एग्जिट पोल से कांग्रेस व आप नेताओं के उड़े होश!

चंडीगढ़। लोकसभा चुनाव के बाद एग्जिट पोल में जिस प्रकार से भाजपा गठबंधन को देश भर में 300 सीटों के आसपास दिखाया जा रहा है। इससे शहर की विभिन्न पार्टियों खासकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी नेताओं के पसीने छूटने लगे हैं। 19 मई को जब चुनाव चरम पर था, तब दोनों ही पार्टियों के बड़े बड़े नेता अपने को भारी मतों से विजयी होने का दावा कर रही थी। वहीं भाजपा नेताओं की यह कहते हुए बोलती बंद थी कि भीतरघात से पार्टी को नुकसान हो सकती है। बाद में इनकी हालत यह हो गई कि 50 हजार वोटों से जीत रही थी, देरशाम होने तक उनका आत्मविश्वास पूरी तरह से डोल गया। सोमवार को सुबह होते होते वहीं नेता कहने लगे कि किसी तरह से पार्टी जीत जाए। यही काफी है।

भाजपा सूत्रों की मानें तो 19 मई को चुनाव के दौरान कई बूथों पर जो समझ में आई, पार्टी की स्थिति बहुत मजबूत नहीं थी। क्योंकि टिकट बंटवारे के बाद से पार्टी के अंदर जबरदस्त भीतरघात चल रहा है। सूत्रों का दावा है कि भीतरघात का असर चुनाव प्रचार के दौरान भी खुलकर देखा जा रहा था। इसलिए मतदान के दौरान यह आंकलन कर पाना मुश्किल हो गया था कि भाजपा की स्थिति मजबूत है भी या नहीं। हालांकि सूत्रों का मानना है कि एग्जिट पोल के रिजल्ट से अब भाजपा का धड़ा बेहद खुश है। सांसद किरण खेर के नाकामयाबियों के बावजूद एक बार चंडीगढ़ में कमल फूल खिलेगा। वहीं कांग्रेस सूत्रों की मानें तो मतदान के दौरान बड़े बड़े नेता पार्टी उम्मीदवार पवन कुमार बंसल को करीब 50 हजार वोटों से जिताते हुए घूम रहे थे। कई कांग्रेसी तो इतने खुश थे कि मतदान के दौरान जीत का भी जश्न मनाने लगे थे। चंडीगढ़ कांग्रेस नेताओं की खुशियां उस समय काफूर हो गई, जब गत रविवार शाम को कुछ टीवी चैनलों पर एग्जिट पोल में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का कई जगहों से सूपड़ा साफ दिखाना शुरू हो गया। टीवी चैनलों पर एग्जिट पोल दिखाने के बाद कांग्रेस नेताओं की आपस में मंथन मीटिंग भी हुई। इसमें एग्जिट पोल के आंकलन को नकारते हुए जीत की मार्जिन वोट 50 हजार से कम करके 5 हजार तक लाकर अपनी जीत बताने लगे।

चुनाव के दौरान कुछ यही स्थिति आम आदमी पार्टी की भी थी। गत रविवार को चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी भी बढ़ चढ़कर दावा कर रही थी। आप मानकर चल रही थी कि इस बार उनकी जीत करीब 30 से 40 हजार से जीत होगी। क्योंकि आम आदमी पार्टी का अनुमान था कि इस बार पार्टी उम्मीदवार हरमोहन धवन को न सिर्फ कालोनी और गांवों से बल्कि इस बार चुनाव में शहर के सेक्टरों से भी धवन को भारी संख्या में वोटें पड़ी हैं। आप के दावे के अनुसार यूटी कर्मचारियों और व्यापारियों ने भी इस बार धवन पर पूरा भरोसा किया है, क्योंकि कांग्रेस और भाजपा ने इनके लिए कभी कुछ नहीं किया। एग्जिट पोल के बाद आप नेताओं का मनोबल टूट गया है। आप भी कहने लगी है कि देश के जो हालात हैं, इसमें कुछ भी कहना अब मुश्किल हो गया है। वहीं कांग्रेस वरिष्ठ व बेहद सुलझे हुए नेता सुभाष चावला का कहना है कि एग्जिट पोल समझ से परे है। उनका मानना है कि जीत के लिए मार्जिन वोटों के बारे कुछ भी कहना मुश्किल है। इसके बावजूद कांग्रेस की जीत निश्चित है। चावला के अनुसार ईवीएम को लेकर जिस तरह की बातें आ रही है, यदि ऐसा कुछ है तो लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय है।

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