निर्भया कांड जांच की डीसीपी ‘मैक्केन इंस्टीटयूट फॉर इंटरनेशनल लीडरशिप-2019’ से सम्मानित

नई दिल्ली । राजधानी दिल्ली सहित पूरे देश को झकझोकर देने वाले वर्ष-2012 के बहुचर्चित निर्भया गैंगरेप केस को रिकॉर्ड समय में सुलझाने वाली दिल्ली पुलिस की तत्कालीन दक्षिण जिले की डीसीपी रहीं आईपीएस अधिकारी छाया शर्मा को अंतरराष्ट्रीय सम्मान से नवाजा गया है। अमेरिका में आयोजित एक समारोह में उन्हें एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी ने ‘मैक्केन इंस्टीटयूट फॉर इंटरनेशनल लीडरशिप-2019’ से सम्मानित किया है।

निर्भयाकांड के दौरान छाया शर्मा दक्षिणी दिल्ली की डीसीपी थीं। नेटफ्लिक्स पर प्रसारित रिची मेहता की सीरीज ‘दिल्ली क्राइम’ में छाया शर्मा के किरदार का नाम वर्तिका चतुर्वेदी रखा गया है। मेहता के मुताबिक बिना छाया शर्मा के निर्भया कांड की कहानी कुछ और ही होती। इस वारदात के बाद छाया शर्मा निर्भया को देखने पहुंचने वाली पहली पुलिस अधिकारी थीं। यही नहीं, छाया ने इसमें शामिल सभी आरोपितों को पांच दिन के भीतर धर दबोचा था। खास बात यह है कि जब तक केस नहीं सुलझा, तब तक वह घर नहीं गई थीं। छाया शर्मा ने बताया कि प्रतिष्ठित पुरस्कार मिलना उनके लिए गर्व की बात है।  

भारतीय पुलिस सेवा में यूटी कैडर की अधिकारी छाया शर्मा की छवि एक तेज-तर्रार महिला आईपीएस के रूप में है। उन्होंने अपने करियर के 19 वर्षों के दौरान कई संगीन अपराधों को काफी कम समय या कहें कि रिकॉर्ड समय में सुलझाया है। महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध रोकने में उनकी सराहनीय भूमिका रही। वर्तमान में उनकी तैनाती भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) में बतौर उप महानिरीक्षक है।

मलाला युसुफजई को भी मिला था यह पुरस्कार

शांति का नोबेल पुरस्कार जीतने वालीं मलाला युसुफजई को भी यह पुरस्कार दिया जा चुका है। यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष दिया जाता है। इसका आधार होता है- मौलिक मूल्यों के लिए किसी ऐसे व्यक्ति या समूह द्वारा उल्लेखनीय कार्य करना। इसके लिए प्रतिभागी का चयन मानवाधिकार, मानवीय करुणा, न्याय, स्वतंत्रता और मानवीय गरिमा पर व्यक्तिगत साहस के साथ प्रयास करने के लिए किया जाता है। 

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