लघु ब्याज दरों में अगली तिमाही में संशोधन संभव : अतनु चक्रवर्ती
नई दिल्ली । आर्थिक मामलों के सचिव अतनु चक्रवर्ती ने लघु ब्याज दरों में अगली तिमाही में संशोधन के संकेत दिए हैं। उन्होंने सोमवार को कहा कि इसे बाजार दरों के अनुरूप संतुलित बनाया जा सकता है। इससे नीतिगत दरों के लाभ को तेजी से आम आदमी तक पहुंचाने में मदद मिलने की संभावना है। गौरतलब है कि बैंक जमा दरों में नरमी के बावजूद चालू तिमाही में सरकार ने लोक भविष्य निधि कोष (पीपीएफ) और राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी) समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कटौती से दूरी बनाए रखी। उन्होंने बताया कि देश में हमारे पास वर्तमान में करीब 12 लाख करोड़ रुपये लघु बचत योजनाओं और करीब 114 लाख करोड़ रुपये बैंक जमा के रूप में हैं। इससे बैंकों की देनदारी इन 12 लाख करोड़ रुपये से प्रभावित हो रही है। चक्रवर्ती ने कहा कि श्यामला गोपीनाथ समिति की रिपोर्ट स्वीकार कर लिया गया है, लेकिन ब्याज दरों को बाजार दरों से जोड़ने का काम जारी है। उन्होंने कहा कि इस तिमाही के लिए ब्याज दरों का इंतजार कीजिए, ये आपको लगभग-लगभग अच्छे संकेत देगा। उन्होंने कहा कि भले सरकार लघु बचत योजनाओं पर निर्भर नहीं है, लेकिन सरकार का इरादा इन योजनाओं को समाप्त करने का नहीं है, क्योंकि लोग इसका इस्तेमाल करते हैं। उल्लेखनीय है कि राजस्व संग्रह में कमी की वजह से सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2019-20 में राजकोषीय घाटा जीडीपी के 3.8 फीसदी होने का अनुमान जताया है। यह बजट अनुमान 3.3 फीसदी से अधिक है।