षड्यंत्रकारियों के निशाने पर जिला अदालत के वकील अशोक सहगल को मिला सुरक्षा गार्ड

वकीलों ने की एसएसपी से मुलाक़ात की

चंडीगढ़। पुलिस ने जिला अदालत के वकील अशोक सहगल को सिक्योरिटी प्रदान की है। वकील ने अपनी जान को खतरा बताया है। उनकी गाड़ी में से चंडीगढ़ पुलिस को बीते शुक्रवार देर रात 1.5 किलो गांजा मिला था। वकील का कहना था कि उन्हें फंसाने के लिए किसी ने यह गांजा प्लांट किया है। वहीं अब सूत्रों के मुताबिक वकील को जान का खतरा महसूस हुआ है। सूत्रों के मुताबिक उन्हें धमकी मिली है। इसे लेकर यह सुरक्षा कवर दिया गया है।

एसएसपी कुलदीप सिंह चहल ने बताया कि जब तक मामले में आरोपी पकड़े नहीं जाते] तब तक यह सुरक्षा कवर दिया गया है। इससे पहले आज सुबह चंडीगढ़ जिला अदालत समेत पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की बार एसोसिएशन की एग्जीक्यूटिव कमेटियों के पदाधिकारी एवं अन्य वकील एसएसपी से इस मुद्दे पर मिले। इस दौरान वकील अशोक सहगल ने सारी घटना की जानकारी एसएसपी को दी। इस दौरान सेक्टर 15 से पार्षद सौरभ जोशी भी मौजूद थे। इसी सेक्टर में अशोक सहगल भी रहते हैं। करीब डेढ़ घंटा यह मीटिंग चली।

मीटिंग के दौरान पुलिस से वकीलों ने इस केस की जल्द निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की। जिस पर एसएसपी ने मामले में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। वहीं कहा कि जल्द ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा। बता दें कि बीते शुक्रवार रात से वकील अशोक सहगल की गाड़ी पुलिस के कब्जे में है और वह केस प्रॉपर्टी का हिस्सा है।

पुलिस ने इस मामले में सीसीटीवी फुटेज भी बरामद की थी। वकील का कहना है कि उनकी गाड़ी में किसी ने ड्रग प्लांट की थी। पुलिस शुक्रवार रात को दो बार उनकी गाड़ी की चैकिंग के लिए आई थी। दूसरी बारी में देर रात सीट पर ड्रग मिली थी। पुलिस को इस ड्रग की जानकारी मिली थी। सेक्टर 11 थाना पुलिस ने यह चैकिंग की थी।

इस घटना के बाद से चंडीगढ़ समेत पंजाब और हरियाणा के वकीलों में रोष है। वकीलों पर बढ़ रहे हमलों और इस तरह उनकी प्रोफेशनल ड्यूटी में बाधा पहुंचा उन्हें फंसाने के प्रयासों के खिलाफ वकील एकजुट हैं। बीते सोमवार को वकीलों ने हाईकोर्ट, चंडीगढ़, पंचकूला, मोहाली समेत पंजाब और हरियाणा की कई अदालतों में कामकाज ठप रखा था।

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट लाने की मांग को देख बार काउंसिल ऑफ पंजाब एंड हरियाणा से ड्राफ्ट बिल पंजाब और हरियाणा की अदालतों की बार एसोसिएशन को विचार और सुझाव के लिए भेजा है। जल्द इस ड्राफ्ट बिल को फाइनल कर सरकारों को देकर एक्ट की मांग उठाई जा सकती है।

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