हरियाणा में नई विधान सभा बनने का रास्ता साफ

चंडीगढ़: चंडीगढ़ शहर में हरियाणा की नई विधान सभा बनने का रास्ता साफ हो गया है। इसके साथ ही वर्तमान विधान भवन और पंजाब विश्वविद्यालय में भी प्रदेश को पूरी हिस्सेदारी मिलने वाली है। लंबे अरसे से इनके लिए प्रयासरत हरियाणा विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता की तीनों मांगें केंद्र सरकार ने मान ली हैं। मंगलवार शाम विधान सभा अध्यक्ष ने इन विषयों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। शाह ने विस अध्यक्ष को तीनों मांगों पर सकारात्मक आश्वासन दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के दौरान हरियाणा विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने तीनों मसलों पर विस्तार से बात की। उन्होंने पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ यूटी प्रशासक के साथ हुए पत्राचार और विधान सभा सचिवालय के पास उपलब्ध इन मसलों से जुड़े तथ्यों को भी गृह मंत्री के साथ साझा किया। उन्होंने कहा कि विधानपालिका की गरिमा और आधुनिक दौर की कार्यशैली के लिए नया विधान भवन समय की आवश्यकता बन चुका है। नए परिसीमन में हरियाणा में विधायकों की संख्या बढ़ेगी, लेकिन मौजूदा सदन में 90 विधायकों के लिए ही स्थान उपलब्ध है। इसके साथ ही संसदीय कामकाज के तौर-तरीकों में भी बड़े परिवर्तन का दौर चल रहा है। ऐसे में भव्य और आधुनिक विधान भवन बनाना जरूरी हो गया है।
इसके साथ ही उन्होंने वर्तमान विधान भवन में पंजाब द्वारा किए गए अवैध कब्जे हटवाने की मांग भी केंद्रीय गृह मंत्री से की। उन्होंने कहा कि विधान भवन चंडीगढ़ यूटी की संपत्ति है। केंद्र शासित प्रदेश होने के कारण यह कार्य सीधे-सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आता है। इसलिए उन्होंने कहा कि यूटी प्रशासन के माध्यम से पंजाब से हरियाणा का हिस्सा दिलाया जाए। करीब 55 साल से हरियाणा इसके लिए मांग कर रहा है। हरियाणा विधानसभा इस संबंध में एक प्रस्ताव भी पास कर चुकी है। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल पंजाब के राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा था। गुप्ता ने कहा कि हरियाणा विधानसभा की 13 समितियां हैं, जबकि समिति कक्ष मात्र दो हैं। इसलिए बैठकें करने में बड़ी दिक्कत आती है। विधानसभा सचिवालय में करीब 350 कर्मचारी हैं, लेकिन इन सभी के बैठने के लिए स्थान उपलब्ध नहीं है। कमरों में कैबिन्स बनाकर प्रथम श्रेणी अधिकारियों को बैठाना पड़ रहा है। इतना ही नहीं विभिन्न विधायक दलों के कार्यालय भी नहीं है। गुप्ता ने कहा कि मीडिया के बदलते स्वरूप और आवश्यकताओं के अनुसार यहां आधुनिक सुविधाएं विकसित करने की आवश्यकता है।

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