74वें वार्षिक निरंकारी सन्त समागम का भव्य शुभारम्भ

सभी में ईश्वर का रूप देखते हुए प्रेम से जीवन जियें :सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज

चंडीगढ़। परमात्मा ने यह सृष्टि और मनुष्य का निर्माण केवल प्यार करने के लिए किया है। अतः सभी में ईश्वर का रूप देखते हुए प्रेम से जीवन जियें, यही मनुष्य जीवन का मुख्य लक्ष्य है।’’उक्त उद्गार सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने आज 27 नवंबर, 2021 को वर्चुअल रूप में आयोजित संत निरंकारी मिशन के तीन दिवसीय 74वें वार्षिक निरंकारी सन्त समागम के शुभारंभ पर मानवता के नाम सन्देश में व्यक्त किए। हरियाणा, समालखा और गन्नौर के बीच जी.टी.रोड पर स्थित संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल से इस सन्त समागम का सीधा प्रसारण किया जा रहा है जिसका आनंद भारत तथा दूर देशों में बसे हुए लाखों निरंकारी श्रद्धालु भक्तों एवं प्रभुप्रेमी सज्जनों द्वारा मिशन की वेबसाईट तथा साधना टी.वी. चैनल के माध्यम से लिया जा रहा है। सत्गुरु माता जी ने आगे कहा कि – कोरोना ने मानव को रोज़मर्रा की जिंदगी में निःस्वार्थ भाव से एक-दूसरे पर विश्वास करना सिखाया। हम सभी के अंदर इस परमात्मा को देखते हुए एक-दूसरे का सत्कार करें, नर सेवा, नारायण सेवा का भाव रखंे तो यही परम धर्म है। हमें जागृत रहना है और ध्यान रखना है कि इस धरती से जब जायें, तो इसे पहले से बेहतर छोड़कर जायें।परमात्मा को जानकर उस पर विश्वास करने से आनंद की अवस्था प्राप्त होती है। यदि हम सामाजिक रूप में देखें तो केवल सह-अस्तित्व ही नहीं अपितु शान्तिपूर्ण सह-अस्तित्व के भाव से जियें। परमात्मा ने हमें जो प्राकृतिक स्रोत दिये हैं उनका हम सदुपयोग करें।सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज के समागम स्थल पर आगमन होते ही सन्त निरंकारी मंडल एवं केन्द्रीय योजना एवं सलाहकार बोर्ड के वरिष्ठ सदस्यों नेे उनका हार्दिक स्वागत किया। उसके बाद कार्यकारिणी समिति के सदस्यों, केन्द्रीय योजना एवं सलाहकार बोर्ड के सदस्यों, मंडल के विभिन्न विभागों के समन्वयकों एवं मिशन के रोशन मीनार सन्तों द्वारा एक फूलों से सुसज्जित खुले वाहन (पालकी) द्वारा सत्गुरु माता जी को मुख्य मंच तक ले जाया गया।

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