राजनीतिक दल इलेक्टोरल बांड के जरिये मिले चंदे की जानकारी निर्वाचन आयोग को दें : सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सभी राजनीतिक दलों को निर्देश दिया है कि वे इलेक्टोरल बांड के जरिये मिले चंदे की जानकारी निर्वाचन आयोग को दें। जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने अपने अंतरिम आदेश में कहा कि ये जानकारी 31 मई तक निर्वाचन आयोग को सीलबंद लिफाफे में दी जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 15 मई तक उन्हें इलेक्टोरल बांड के जरिये जो भी चंदा मिला है उसकी जानकारी 31 मई तक सौंपें। ये सीलबंद लिफाफा निर्वाचन आयोग के पास तब तक रहेगा जब तक सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अंतिम फैसला नहीं कर लेता है। सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बांड पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।
कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक दल दानदाता, खाते, रकम सबका ब्यौरा दें। कोर्ट ने वित्त मंत्रालय को निर्देश दिया कि इस आदेश के मुताबिक इलेक्टोरल बांड के नोटिफिकेशन में बदलाव करें। कोर्ट अंतिम सुनवाई के लिए तिथि की घोषणा बाद में करेगा। पिछले 11 अप्रैल को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। पिछले 10 अप्रैल को सुनवाई के दौरान निर्वाचन आयोग ने अपने पहले के रुख से यू-टर्न ले लिया था। सुनवाई के दौरान निर्वाचन आयोग ने कहा था कि वो पार्टियों की फंडिंग के लिए इलेक्टोरल बांडके खिलाफ नहीं है, बल्कि वो धन देनेवालों के नाम गुप्त रखने के खिलाफ है।