ऐतिहासिक कार्यक्रम का हुआ समापन! कुमार विश्वास की कथा का मुरीद हुआ ट्राईसिटी
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चंडीगढ़। मेरी चौखट पर चल कर आज, चारों धाम आएं हैं, बजाओ ढोल स्वागत में, मेरे घर राम आये हैं…। डॉ. कुमार विश्वास की इन पंक्तियों ने सेक्टर-34 स्थित एक्जिबिशन ग्राउंड में भक्तों में नई ऊर्जा का संचार कर दिया। डॉ. कुमार विश्वास ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम के आदर्शों पर चलें तो निश्चित रूप से सफलता आपकी होगी। क्योंकि मर्यादा पुरुषोत्तम ने नीति को सर्वोपरि रखा।
डॉ. कुमार विश्वास बोले, श्री राम के लिए एक रात थी जो कि बहुत भारी थी। वह रात थी, जिस समय उनका पूरा परिवार उनको वन से वापस लेने आया था। लेकिन उस समय भी श्रीराम ने नीति को ही प्रमुखता दी। वह सबसे पहले मिले तो मां कैकेयी से। कारण था, उनको मालूम था कि माँ के ऊपर क्या बीत रही है। उन्होंने कहा कि श्री राम के आदर्शों को समझना सबकुछ समझना है। उनको अपने भाई भरत से सबसे ज़्यादा लगाव था। इसका उदाहरण मिलता है जब वह कहते हैं तुम मम प्रिय भरत-हि सम भाई। उन्होंने श्री हनुमान जी को गले लगाया और यही कहा कि आप मेरे भरत जैसे प्यारे भाई हो।
करिश्माई अंदाज में श्री राम का वर्णन करने वाले डॉ. कुमार विश्वास ने दूसरे दिन भी भक्तों को अपनी मधुर वाणी से भाव विभोर कर दिया। उन्होंने अपने-अपने राम कार्यक्रम के माध्यम से दूसरे दिन भी भगवान राम के जीवन के विभिन्न पहलुओं की मार्मिक व्याख्या और उनकी महिमा का गुणगान किया।