चंडीगढ़ में शुरू हुई अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना कार्य समूह की बैठक,

तोमर बोले- लोकतंत्र के लिए प्रतिबद्ध
चंडीगढ़| भारत की अध्यक्षता में जी 20 के पहले अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना कार्य समूह की बैठक सोमवार को चंडीगढ़ में शुरू हुई |यह बैठक 30-31 जनवरी 2023 को चंडीगढ़ में आयोजित की जा रही है |कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस ने इस बैठक का उद्घाटन किया | इस दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अपने संबोधन में कहा वैश्विक चुनौतियों के समापन के लिए विचार-विमर्श जरूरी है |उन्होंने कहा, हमारा राष्ट्र लोकतंत्र और बहुपक्षवाद के लिए प्रतिबद्ध है |
बहुपक्षवाद में नए सिरे से विश्वास करने की आवश्यकता
कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि आज दुनिया अनेक जटिल चुनौतियों का सामना कर रही है, जिन चुनौतियों का सामना किया जा रहा है, वे वैश्विक प्रकृति की हैं और इनके लिए वैश्विक समाधान की ही आवश्यकता है | इसलिए विश्व समुदाय को आज वैश्विक रूप से समन्वित नीतियों तथा कार्यों की ओर अधिक जोर देने की आवश्यकता है | बहुपक्षवाद में नए सिरे से विश्वास करने की भी आवश्यकता है |लोकतंत्र लोकतंत्र और बहुपक्षवाद के लिए पूर्णत: प्रतिबद्ध हमारा राष्ट्र न केवल बहुआयामी विकास को प्रदर्शित करने के लिए तैयार है बल्कि सार्वभौमिक रूप से मान्य शक्ति भी प्रदर्शित करने के लिए तैयार है |
G20 की प्रेसीडेंसी भारत के पास
ज्ञात हो, यह बैठक 30-31 जनवरी 2023 को चंडीगढ़ में आयोजित की जा रही है | बैठक के उद्घाटन से पहले अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना कार्य समूह की बैठक पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की | इस दौरान उन्होंने कहा कि जी 20 की प्रेसीडेंसी भारत के पास है |जी 20 दुनिया का काफी ताकतवर संगठन है और दुनिया की बड़ी इकोनॉमी को कवर भी करता है | यह स्वाभाविक रूप से वैश्विक चुनौतियों के समाधान की दृष्टि से समय-समय पर विचार विमर्श करता रहता है |
जी 20 की अपनी विश्वसनीयता और साख
जी 20 की अपनी एक विश्वसनीयता और साख है और पूर्व में जो विचार-विमर्श होते रहे हैं उनका लाभ दुनिया के कमजोर वर्गों को कैसे मिले और उनका ठीक प्रकार से कैसे क्रियान्वयन हो, इस दृष्टि से यह मंच निश्चित रूप से बहुत ही उपयोगी साबित हुआ है | उन्होंने कहा, हम भारत वासियों के लिए यह गौरव और प्रसन्नता का क्षण है कि जब हम जी 20 के अध्यक्ष के रूप में अपने देश में इस प्रकार का आयोजन कर पा रहे हैं |जी 20 की दृष्टि से देश में लगभग 50 स्थानों पर 200 से अधिक बैठकें होगी | इन सब बैठकों में छोटे-बड़े लगभग 2 लाख प्रतिनिधि हिंदुस्तान आएंगे |
जी 20 की अध्यक्षता मिलने से भारत का एजेंडा साफ
जी 20 से भारत को क्या फायदा मिलेगा, इस सवाल का जवाब देते हुए कृषि मंत्री ने कहा, हमारे देश में कमजोर और पिछड़े वर्ग के लिए समय-समय पर सरकारी नीतियों और योजनाओं के माध्यम से समय-समय पर प्रयास करते रहते हैं | पिछले 8 वर्षों में जो पर्यत्न हुआ है वह निश्चित रूप से काफी अच्छा है | लेकिन समुचित दुनिया में भी ऐसी परिस्थितियां हैं | इन परिस्थितियों पर विमर्श करने और उनके निराकरण के लिए जी 20 जैसे संगठनों का निश्चित रूप से काफी योगदान होता है | जी 20 ऐसे सभी विषयों पर विमर्श करने वाला है |उनकी अलग-अलग बैठकें सम्पन्न होने वाली है | ऐसे में जी 20 के सदस्य देशों को भारत को नजदीक से जानने का मौका मिलेगा |
क्या है इस बैठक का उद्देश्य?
अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना कार्य समूह जी 20 वित्त ट्रैक के तहत महत्वपूर्ण कार्य धाराओं में से एक है, जो कि अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित रखता है | इसका उद्देश्य कमजोर देशों के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों का समाधान करना होगा | दो दिवसीय बैठक में भाग लेने के लिए जी 20 के सदस्यों, आमंत्रित देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के लगभग 100 प्रतिनिधियों के चंडीगढ़ पहुंचने का कार्यक्रम तय है | दो दिवसीय बैठक के दौरान चर्चा, संयुक्त रूप से वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा और साथ में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना कार्य समूह के सह-अध्यक्षों, फ्रांस और दक्षिण कोरिया द्वारा संचालित की जाएगी |