इलाहाबाद-मुगलसराय के बीच 150 किमी. की तीसरी रेल लाइन को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी

नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने इलाहाबाद और मुगलसराय (पंडित दीनदयाल उपाध्‍याय जंक्‍शन) रेलमार्ग पर 150 किलोमीटर लंबी तीसरी रेललाइन के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इस रुट पर रेलगाड़ियों के आवागमन का भारी दबाव है, जिसको ध्यान में रखते हुए केंद्र ने यह फैसला किया है।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी। कुल 2649.44 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली यह परियोजना वर्ष 2023-24 तक पूरी हो जाएगी। परियोजना का क्रियान्‍वयन उत्‍तर मध्‍य रेलवे के निर्माण संगठन द्वारा किया जाएगा। 

परियोजना भविष्‍य में बढ़ने वाले रेल यातायात के साथ सहजता से निपटने तथा इसके लिए आवश्‍यक क्षमताओं की कमी को दूर करने में मददगार होगी। वर्तमान में इस रेलमार्ग पर यात्री गाड़ियों और मालगाड़ियों पर क्षमता से अधिक दबाव है, जिसके कारण कई बार गाड़ियों की आवाजाही में देरी होती है। प्र‍स्‍तावित परियोजना रेलवे की या‍त्री और माल परिवहन क्षमता को बढ़ाने, रेलगाड़ियों के परिचालन में होने वाली देरी को दूर करने तथा भविष्‍य में बढ़ते रेल यातायात से निपटने में सहायक होगी। इलाहाबाद और मुगलसराय के बीच तीसरी रेललाइन बनने से इस रेलमार्ग पर नैनी के समीप छिवकी में रेलगाड़ियों के जमाव को कम किया जा सकेगा, जिससे राजधानी दिल्‍ली को जोड़ने वाले प्रमुख रेलमार्ग पर यात्री और मालगाड़ियों का समय पर परिचालन किया जा सकेगा।  

परियोजना की निर्माण अवधि में 36 लाख कार्य दिवस के प्रत्‍यक्ष रोजगार के अवसर उपलब्‍ध होंगे।

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