ई-विधान सभा में नए युग का सूत्रपात

मुख्यमंत्री ने किया पेपरलैस विधान सभा का उद्घाटन, डिजीटल चली कार्यवाही

गुप्ता बोले- बिना शोर शराबे वाली क्रांति का होगा व्यापक और दूरगामी असर
जनता का जनप्रतिनिधियों से संपर्क होगा सुगम, सदन की कार्यशैली भी निखरेगी
चंडीगढ़। हरियाणा विधान सभा के लिए 8 अगस्त का दिन ऐतिहासिक रहा। इस दिन विधान सभा का डिजीटलाइजेशन कर दिया गया। मानसून सत्र से ठीक पहले विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता की अध्यक्षता में सदन में ई-विधान सभा का उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया। मंत्रियों और विधायकों की उपस्थिति में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने टैब पर टैप कर ई-विधान सभा का शुभारंभ किया। इस दौरान विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने राज्यसभा के उप-सभापति एम. वेंकैया नायडु का संदेश पढ़कर सुनाया तो वहीं केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी का वीडियो संदेश कार्यक्रम के दौरान प्रसारित किया गया। कार्यक्रम को मुख्यमंत्री मनोहर लाल, उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, संसदीय कार्य मंत्री कंवर पाल, विस उपाध्यक्ष रणवीर गंगवा, नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि आज हम एक नई क्रांति का सूत्रपात कर रहे हैं। हालांकि यह क्रांति बिना किसी शोर शराबे के दस्तक दे रही है, लेकिन इसका असर व्यापक, त्वरित और दूरगामी होने वाला है। लोकतंत्र का यह पवित्र मंदिर हरियाणा विधान सभा का सदन उच्च तकनीक से संपन्न हो गया है। नई तकनीक हर स्तर पर प्रभावी रहेगी। इससे जहां सदन की कार्यशैली में निखार आएगा, वहीं जनता का जनप्रतिनिधियों से संपर्क भी सुगम हो सकेगा। जनता इस प्लेटफार्म के माध्यम से आसानी से अपनी बात जनप्रतिनिधियों तक पहुंचा सकेगी। नई व्यवस्था से विधान पालिका और कार्य पालिका के बीच विधायी कामकाम के लिए संपर्क भी प्रभावी और समयबद्ध ढंग से हो सकेगा।
गुप्ता ने कहा कि देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजीटल इंडिया मुहिम शुरू की है। इस मुहिम के तहत ही हरियाणा विधान सभा को डिजीटल किया गया है। देश भर से 19 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इस परियोजना के तहत एमओयू साइन कर चुके हैं, लेकिन हरियाणा ने काफी तीव्रता से इस परियोजना को मूर्त रूप दिया है।
विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि विधान सभा के डिजीटलाइजेशन के साथ ही सदन की कार्यवाही, जिसमें कार्यसूची, नोटिस, बुलेटिन, विधेयक, तारांकित और अतारांकित प्रश्न तथा उनके जवाब, पटल पर रखे जाने वाले दस्तावेज, विभिन्न कमेटियों की रिपोर्ट इत्यादि सभी कार्य बिना कागज का प्रयोग किए प्रभावी ढंग से किए जा सकेंगे। विधायकों की जरूरत के अनुसार उपयोगी तथ्य तथा नियमावली समेत अनेक प्रकार की जानकारी इस डिजीटल प्लेटफॉर्म पर सुगम रहेगी। सदन में बोलने वाले विधायकों का पूरा विवरण समय गणना के साथ बड़ी स्क्रीन्स पर प्रदर्शित होगा। इससे कार्य में पारदर्शिता और तीव्रता बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि हरियाणा विधान सभा के डिजीटलाइजेशन के लिए करीब 12 करोड़ रुपये का अनुमान लगाया गया था, लेकिन नेवा समिति की कुशलता के कारण यह परियोजना मात्र 8.53 करोड़ रुपये की लागत से सिरे चढ़ गई। इसके क्रियान्वयन के लिए 25 फरवरी 2021 को त्रिपक्षीय एमओयू साइन किया गया। इस एमओयू में हरियाणा विधान सभा, हरियाणा सरकार और केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्रालय प्रमुख रूप से सहभागी रहे। 23 दिसंबर को 2021 को हरियाणा विधान सभा की डीपीआर को स्वीकृति मिली। 25 जनवरी 2022 को इस परियोजना के लिए पहली किस्त प्राप्त हुई थी। ज्ञान चंद गुप्ता ने अपने संबोधन में विधान सभा सचिवालय की ओर से संसदीय कार्य मंत्रालय की ओर से चलाए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम का ब्योरा भी सदन में रखा। उन्होंने कहा कि 2 फरवरी 2022 को विधान भवन में नेवा सेवा केंद्र का शुभारंभ किया। इस केंद्र पर 9 और 10 फरवरी 2022 को प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। 2 मार्च को इस परियोजना की दूसरी किस्त प्राप्त हुई। इसके बाद विधान सभा ने प्रशिक्षण की प्रक्रिया को तेज किया और 21 और 22 जुलाई 2022 को पंचकूला में दो दिवसीय ऑरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण के पहले दिन यहां विधायकों तथा दूसरे दिन हरियाणा सरकार के विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया। इसके साथ ही विधान भवन में नेवा सेवा केंद्र में विधायकों और अधिकारियों के प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध है।
उन्होंने बताया कि इस परियोजना से हरियाणा विधान सभा को सालाना करीब 5.60 करोड़ रुपये की बचत होगी। इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी यह परियोजना मील का पत्थर साबित रहेगी। विधान सभा के डिजीटलाइजेशन की प्रक्रिया लोकतंत्र के सुदृढ़िकरण का इतिहास भी लिख रही है। इस परियोजना से जनता का जनप्रतिनिधियों से संपर्क सुगम और सहज हो सकेगा। जनप्रतिनिधियों की विधायी कामकाज में भूमिका भी प्रभावी बन सकेगी। आम नागरिक भी अपने काम की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकेंगे।

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