उज्जवला योजना महिलाओं के लिए बनकर आई वरदान

गुरुग्राम । शायद ही उन्होंने सपने में भी सोचा हो कि वे चूल्हे के धुएं के बीच जिंदगी के दिन जिस तरह से बिता रही हैं, वे दिन कभी बदलेंगे भी। पीढ़ी दर पीढ़ी महिलाओं के जीवन में चूल्हे का ऐसा रिश्ता रहा, जो कि उन्हें कई तरह की बीमारियां भी देता रहा, लेकिन उस चूल्हे से जूझने रहना उनकी मजबूरी थी। आज उज्ज्वला योजना से उनकी वह मजबूरी तो दूर हुई ही, साथ में उनके जीवन में समय की बचत समेत कई बदलाव ऐसे आये कि महिलाएं आज इस बदलते परिवेश में बेहद ही खुश और सुखी नजर आ रही हैं।
गरीब परिवारों की महिलाओं को खाना पकाते हुए लकड़ी के धुएं से छुटकारा दिलाने के लिए सरकार द्वारा लागू की गई प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का 37 महीनों का सफर जिला गुरुग्राम में बहुत ही दिलचस्प रहा। योजना का लाभ गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले (बीपीएल) परिवारों को सबसे ज्यादा हुआ है। इन गरीब परिवारों की महिलाएं वर्षों से, पीढ़ी दर पीढ़ी, चूल्हे पर लकड़ी जलाकर खाना पकाते आई हैं। अब उन्हें उज्ज्वला योजना से धुआं रहित गैस- चूल्हे पर खाना बनाने में मजा आ रहा है। गुरुग्राम जिला में इस योजना से  लगभग 9000 परिवारों को लाभ पहुंचा है। जिला खाद्य और आपूर्ति नियंत्रक मोनिका के मुताबिक गुरुग्राम जिले में इस स्कीम का लाभ काफी संख्या में गरीब परिवारों ने उठाया है। अभी तक किसी भी पात्र आवेदक को नहीं छोड़ा गया है।
गुरुग्राम जिला में एलपीजी के हैं 52 वितरक
गुरुग्राम जिला में एलपीजी घरेलू गैस  के 52 वितरक है, जिनके माध्यम से लगभग 9000 पात्र परिवारों को घरेलू गैस के कनेक्शन नि:शुल्क दिए गए है। इनमें भारत पेट्रोलियम के 14 डिस्ट्रीब्यूटर्स, हिंदुस्तान पेट्रोलियम के 7 डिस्ट्रीब्यूटर्स और इंडियन आयल के 31 डिस्ट्रीब्यूटर्स गुरुग्राम जिला में कार्यरत है। 
 खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में निरीक्षक प्रदीप सिंह हुड्‌डा ने  बताया कि इस स्कीम के तहत जिन लोगों ने फ्री गैस कनेक्शन का लाभ उठाया है, उनके परिवार को प्रदूषण रहित तरीके से भोजन बनाने की सुविधा मिली है।

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