चीन का कर्ज सकल धरेलू के 300 प्रतिशत से ज्यादा
बीजिंग । चीन धीमी पड़ रही अपनी अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है, लेकिन उसका ऋण सकल घरेलू उत्पाद के तीन सौ प्रतिशत से भी ज्यादा हो गया है जो कुल वैश्विक कर्ज का पंद्रह प्रतिशत है। यह खुलासा आईआईएफ की रिपोर्ट से हुआ है।
हालांकि बीजिंग अपने वित्तीय खतरे को टालने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय वित्त संस्थान (आईआईएफ) की रिपोर्ट के मुताबिक,साल 2019 की पहली तिमाही में चीन का कुल कॉरपोरेट, घरेलू एवं सरकारी कर्ज उसके जीडीपी का 303 प्रतिशत था जो पिछले साल इसी अवधि में 297 प्रतिशत था। इतना ही नहीं आईआईएफ ने दुनिया भर में कर्ज के बएते स्तर भी चिंता जताई है।
वाशिंगटन स्थित आईआईएफ एक निजी वैश्विक वित्तीय औद्योगिक संघ है। इसकी रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन की सरकार छोटी कंपनियों के छाया बैंक उधार को रोकने का प्रयास कर रही है जिससे गैर वित्तीय कॉरपोरेट ऋण में कटौती को बढ़ावा मिला है, लेकिन अन्य क्षेत्रों में चीन का कर्ज 40 खरब डॉलर हो गया है जो कुल वैश्विक ऋण का 15 प्रतिशत है।
इस बीच चीन में और विश्व में मांग घटने तथा अमेरिका के साथ कारोबारी जंग की वजह से साल 2019 की दूसरी तिमाही में ड्रैगन की विकास दर घट कर 6.2 प्रतिशत हो गई है जो 27 साल में सबसे कम है। इस स्थिति से उबरने के लिए बीजिंग बैंकों से छोटी कंपनियों को अधिक ऋण देने को प्रेरित कर रहा है। साथ ही ढांचागत विकास पर व्यय बढ़ा दिया है और लोगों की क्रय शक्ति बढ़ाने के लिए करें में कटौती भी की है।