चीफ जस्टिस ने इलेक्ट्रिक वाहनों के मामले में गडकरी को सुनने की जताई इच्छा

कोर्ट ने कहा, हम उन्हें समन जारी नहीं कर रहे लेकिन हम उन्हें सुनना चाहेंगे

नई दिल्ली । सभी सार्वजनिक वाहनों को धीरे-धीरे इलेक्ट्रिक वाहनों में तब्दील करने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सीधे केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को सुनने की इच्छा जताई है। इस मामले पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एस.ए. बोब्डे ने कहा कि हम नितिन गडकरी को सुनना चाहते हैं, इस बारे में उन्होंने काफी कुछ बोला है। कोर्ट ने कहा कि हम उन्हें समन जारी नहीं कर रहे हैं लेकिन हम उन्हें सुनना चाहेंगे।
कोर्ट की इस टिप्पणी पर वहां मौजूद एएसजी ने कहा कि तब मामला राजनीतिक हो जाएगा। तब कोर्ट ने कहा कि हम याचिकाकर्ता की मांग पर उन्हें नहीं बुला रहे हैं। अगर मंत्री महोदय नहीं आना चाहें तो किसी अधिकारी के जरिए अपनी बात रख सकते हैं। कोर्ट ने चार हफ्ते में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।
पिछले 17 जनवरी को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था। याचिका में मांग की गई है कि केंद्र सरकार की 2012 की नीति के तहत सभी सरकारी और सार्वजनिक वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में तब्दील करना था लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया।
याचिकाकर्ता की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने चीफ जस्टिस एसए बोब्डे की अध्यक्षता वाली बेंच से कहा था कि सरकार इस ओर कदम नहीं उठा रही है। तब कोर्ट ने कहा था कि वो इस संबंध में एक कमेटी गठित करने पर विचार कर रही है जो वाहनों को वैकल्पिक ईंधन से चलाने के उपायों पर विचार करेगा।

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