छत्रपति शिवाजी ने जनता में जन्मभूमि के प्रति प्रेम और उत्सर्ग के भाव को किया जागृत : मोहन भागवत

नई दिल्ली । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने शनिवार को संघ के प्रमुख छह उत्सवों में एक हिंदू साम्राज्य दिवस के मौके पर छत्रपति शिवाजी महाराज को याद किया।

सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा, “छत्रपति शिवाजी के कालखंड में परकीय आक्रमणों के कारण हिंदू समाज में निराशा एवं भय का वातावरण व्याप्त हो गया था। इस निराशा को शिवाजी महाराज ने जनता में जन्मभूमि के प्रति प्रेम और उत्सर्ग की भावना को जागृत कर दूर किया।’

संघ ने ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी – हिंदू साम्राज्य दिवस के मौके पर एक संदेश में कहा, ‘शिवाजी महाराज के द्वारा संपूर्ण राष्ट्र के लिए किए गए प्रयासों की, यह राज्याभिषेक सफल परिणति है और इसलिए इसको हम शिवसाम्राज्य दिन नहीं कहते। इसको हम हिंदू साम्राज्य दिवस कहते है और इसीलिए अपने पहले तीन सरसंघचालकों ने कई बार कहा कि  डाक्टर साहब तो कहते ही थे,  गुरूजी ने कहा है,  बाला साहब ने कहा है कि हमारा आदर्श तो तत्व है,  भगवा ध्वज है  लेकिन कई बार सामान्य व्यक्ति को निर्गुण निराकार समझ में नहीं आता। उसको सगुण साकार स्वरूप चाहिए और व्यक्ति के रूप में सगुण आदर्श के नाते छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन का प्रत्येक अंश हमारे लिए दिग्दर्शक है। उस चरित्र की, उस नीति की,  उस कुशलता की,  उस उद्देश्य के पवित्रता की आज आवश्यकता है। इसको समझकर ही अपने संघ ने इस ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी को,  शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के दिन को हिंदू साम्राज्य दिवस निश्चित किया है। इसीलिए आज की जैसी परिस्थिति में उसी को हम सारे भारत में मानते है।’

सरसंघचालक ने कहा कि शिवाजी महाराज के कृतित्व, उनके गुण, उनके चरित्र के द्वारा मिलने वाला दिग्दर्शन आज की परिस्थिति में मार्गदर्शक है। वह आज भी अपने लिए अनुकरणीय है। अपने हिंदू साम्राज्य दिवस के इस महत्व को समझकर हम उसको प्रतिवर्ष मनाएं और उस का संदेश स्वयंसेवकों में तो ठीक से जाए ही लेकिन संपूर्ण समाज में इसका संदेश जाए, उनके बुद्धि में जाएं, वहां से उनके हृदय में उतरे, जो प्रत्येक व्यक्ति के आचरण में प्रकट हो। संघ का यह उद्यम बढ़ाने के प्रयासों में हम लोग समझ कर सहभागी हों।

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