जलियांवाला बाग विधेयक पर लोकसभा में हंगामा

नई दिल्ली । कांग्रेस और अकाली दल नेता हरसिमरत कौर बादल के बीच शुक्रवार को जलियांवाला बाग न्यास के स्थाई न्यासी के तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष को हटाए जाने से जुड़े विधेयक पर चर्चा के दौरान बहस हो गई। दोनों और से एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी की गई।

जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक-2019 शुक्रवार को लोकसभा में चर्चा के लिए लाया गया। इस दौरान अमृतसर से सांसद गुरजीत सिंह औजला ने कांग्रेस अध्यक्ष को स्थाई नियासी पद से हटाए जाने का विरोध किया। वहीं केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री के दादा ने जलियांवाला बाग हत्याकांड के दोषी जनरल माइकल ओ डायर को तार के जरिए इसके लिए धन्यवाद दिया था।

हरसिमरत ने सदन में एक तस्वीर दिखाते हुए कहा कि इसमें महाराजा भूपिन्दर सिंह जलियांवाला बाग हत्याकांड के दोषी जनरल डायर से हाथ मिला रहे हैं। उनके पास वीडियो भी है जिसमें वह उनके साथ खाना खा रहे हैं। इस दौरान बादल ने 84 में हुए सिख विरोधी दंगों का मुद्दा भी उठाया और कांग्रेस इसके लिए दोषी बताया। उन्होंने कहा कि देश को ऐसी पार्टी से मुक्त किए जाने की जरूरत है।

वहीं औजला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने ही जलियांवाला बाग में विरोध प्रदर्शन किया। उनके कार्यकर्ताओं ने जान दी। इसके बाद शहीदों की याद में समारक बनवाया, उसके लिए दस लाख रुपये दिए। ऐसे में कांग्रेस के अध्यक्ष को जलियांवाला बाग ट्रस्ट से हटाना गलत है।

पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल ने शुक्रवार को जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक न्यास, 1951 में संशोधन से जुड़ा विधेयक लोकसभा में पेश किया। विधेयक के कानून बनने के बाद बसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के नेता, सरकारी नामित और सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता न्यास के सदस्य होंगे।

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