झीरम घाटी में नक्सली प्रभाव कमजोर

जगदलपुर। बस्तर में 2013 के मई माह में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की नक्सलियों ने विस्फोट कर हत्या कर दी थी । इसके बाद झीरम घाटी में नक्सलियों का दहशत हो गया था । इसके बाद उनको नियंत्रण में लाने तथा झीरम घाटी में उनका प्रभाव कम करने के उद्देश्य से जो उपाय किये गये उससे झीरम घाटी में नक्सलियों का प्रभाव कमजोर हो चुका है और आज यहां के ग्रामीण नक्सलियों के विरूद्ध खड़े होकर अपने क्षेत्र व गांवों में विकास की मांग करते हुए खड़े हो रहे हैं। 
इस बात की जानकारी देते हुए बस्तर आईजी विवेकानंद सिन्हा ने कहा कि बस्तर की झीरम घाटी में नक्सलियों ने 25 मई 2013 को एक बड़ी हिंसक घटना को अंजाम दिया था। इसमें कांग्रेस के शीर्ष नेताओं सहित 31 लोगों की मौत हुई थी। अब इसी झीरम घाटी में वर्ष 2017 के बाद से नक्सली बैकफुट पर नजर आ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि झीरम घाटी में हमला करने वाले बड़े नक्सली नेता तो मारे गए जबकि कई नक्सली पुलिस के डर से पलायन कर गए हैं या जान से हाथ धोने के डर से सरेंडर कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि दो वर्षों में डीवीसीएम से लेकर एरिया कमेटी, प्लाटून कमांडर और अन्य कैडर के जहां बड़े नक्सली मारे गए हैं। साथ ही उनका नेतृत्व करने वाले नक्सली नेताओं की कमी होने के चलते नक्सली अब बैकफुट पर आ गए हैं।

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