ट्रम्प यात्रा सिर्फ चुनाव प्रचार की कड़ी न बने, इसके नतीजे राष्ट्रहित में होने चाहिए : कांग्रेस
नई दिल्ली । कांग्रेस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की भारत यात्रा को सिर्फ चुनाव प्रचार का मंच बनाने के बजाय इसके नतीजे राष्ट्रहित में आने की बात कही है। विपक्षी दल ने केंद्र सरकार पर आरोप भी लगाया कि उसने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के स्वागत के लिए अहमदाबाद में दीवार बनवाकर गरीबों का अपमान किया है। एक तरफ देश बापू की 150वीं जयंती मना रहा है, जो सादगी के प्रतीक थे और दरिद्र को नारायण मानते थे, तो दूसरी तरफ मोदी सरकार गरीबों को हीन समझती है। यह भाजपा की असली मानसिकता को दर्शाता है। कांग्रेस मुख्यालय में शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि भारत-अमेरिका के सामरिक संबंध हैं, जिसकी महत्ता को कांग्रेस समझती है और उसका समर्थन भी करती है। डोनाल्ड ट्रम्प की भारत यात्रा दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है। खासकर रक्षा, आर्थिक, परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष कृषि और तकनीक के क्षेत्र में साझीदारी और सहयोग की दृष्टि से। कांग्रेस की सोच है कि इस यात्रा के सकारात्मक नतीजे निकलने चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि हाल में घटित कुछ घटनाओं की परछाई दोनों देशों के संबंधों पर पड़ी है। अमेरिका ने भारत के साथ महत्वपूर्ण साझीदारी के होते हुए भी सामान्य तरजीही कार्यक्रम (जीएसपी) को खत्म कर दिया, जिससे भारतीय उत्पादों का कम टैरिफ पर अमेरिकी बाजार में जाने का अवसर खत्म हो गया है। जीएसपी के तहत अमेरिका में भारत के 5.6 अरब डॉलर के सामानों को शुल्क में छूट मिलती है। उन्होंने कहा कि इस यात्रा के सकारात्मक परिणाम सामने आने चाहिए, जिसमें मुख्यत: जीएसपी और एच1बी1 वीजा का समाधान प्रमुख है। कांग्रेस नेता ने कहा कि ट्रम्प की यात्रा में तीन चीजों का ध्यान रखा जाना जरूरी है। इसमें राष्ट्र की संप्रभुता, आत्मसम्मान और राष्ट्र हित विशेष है। इस तरह के दौरों में गंभीरता होनी चाहिए, न कि यह सिर्फ फोटो सेशन तक ही सीमित रहे। उन्होंने कहा कि इस यात्रा का मकसद भारतीय हितों का संरक्षण होना चाहिए। आनंद शर्मा ने ट्रम्प के स्वागत समारोह में मोदी सरकार के दावों पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार का दावा है कि सारा प्रबंधन एक ‘नागरिक अभिनंदन समिति’ द्वारा किया जा रहा है। तो प्रश्न उठता है कि क्या ट्रम्प इस समिति के निमंत्रण पर भारत आ रहे हैं? आखिर ये समिति कब बनी, कब पंजीकरण हुआ और पैसा कहां से आया? सरकार को बिना कुछ छिपाये जनता के समक्ष स्पष्ट बात रखने की मंशा रखनी चाहिए।