दुनिया भर में लोकप्रिय हो रही योग थेरेपी : योगश्री रघुराम .

लॉस एंजेल्स । अमेरिका, यूरोप और एशिया में विश्व योग थेरेपी के प्रति लोगों में उत्सुकता  बढ़ रही है और पिछले कुछ अर्से से  इसके सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं, ख़ास कर मधुमेह जैसे रोग के उपचार के लिए भारत सहित दुनिया भर में एस.व्यासा विवेकानंद योग अनुसंधान संस्थान की सेवाएं ली जा रही हैं।
योगश्री एन. वी. रघुराम, चेयरमैन एवं॰ प्राध्यापक तथा आध्यात्मिक संस्थापक योग भारती और योग फ़िलास्फी,विवेकानंद योग अनुसंधान संस्थान,  बेंगलूरू, ने बुध्वर को यहां एक गोष्ठी में दावा किया कि योग थेरेपी से इटली और तुर्की में ह्रदय रोग अस्पताल, जर्मनी में न्यूरोलाजी अस्पताल, ह्युस्टन (अमेरिका) में कैंसर रोग तथा जापान के महानगर ओसाका में जीवन शैली संबंधित रोगों के उपचार के लिए उनके प्रशिक्षित चिकित्सक विशेष रूप से काम कर रहे हैं। 
उन्होंने कहा कि भारत में हाल ही में मधुमेह जैसे जानलेवा रोग के लिए एक शोध अध्ययन किया गया था, जिसमें योग थेरेपी के उत्साहवर्धक  परिणाम सामने आए हैं। इस अध्ययन के आधार पर पिछले सप्ताह सान फ़्रांसिस्को में एस व्यासा संस्थान को पुरस्कार दिया गया।  
उन्होंने कहा कि जीवन शैली संबंधी समस्याओं के निदान के लिए उनके चिकित्सक बीस योग आसन के साथ प्रोटोकोल पर काम करते हैं। इस गोष्ठी का आयोजन योग भारती, लॉस एंजेल्स की ओर से किया गया था।
अमेरिका और यूरोप तथा एशिया में पचास देशों में योग थेरेपी के प्रचार प्रसार में जुटे योगश्री रघुराम ने यहां दो दिवसीय गोष्ठी में गीता के महात्म और जीवन शैली पर अपने उद्बोधन में कहा कि भारतीय दर्शन हमें अंत:करण की शुद्धि और आत्म परीक्षा की ओर उन्मुख करता है, जिसमें प्राणायाम पर विशेष रूप से ज़ोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्राणायाम के प्रति दुनिया भर में विदेशी बुद्धिजीवियों की ललक बढ़ी है। 
इस संदर्भ में उन्होंने योग थेरेपी से मन, मस्तिष्क, आनंद,आचार-व्यवहार और संस्कार आदि के बारे में विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भाग दौड़ भरी ज़िंदगी में मन, मस्तिष्क पर दबाव का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। प्रकृति आनंद की ओर ले जाती है, जिसमें अनुशासन है। भारतीय संस्कृति में ऐसे अनेक उद्धरण मौजूद हैं, जिनसे सबक़ लेने की ज़रूरत है। 

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