दो तीन सप्ताह में सुरक्षा समीक्षा के बाद जम्मू-कश्मीर में होंगे पंचायत उपचुनाव

सुरक्षा कारणों का हवाला देकर स्थगित किये गए जम्मू-कश्मीर में पंचायत उपचुनाव – भाजपा ने पंचायत उपचुनाव स्थगित होने का किया स्वागत
जम्मू । जम्मू-कश्मीर केन्द्र शासित प्रदेश में होने जा रहे पंचायत उपचुनाव के लिए जारी अधिसूचना को सुरक्षा कारणों के चलते वापस ले लिया गया। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने 13 फरवरी को जम्मू कश्मीर में रिक्त पड़े 1011 सरपंच और 11639 पंच हलकों के चुनाव दलीय आधार पर करवाने की घोषणा करके इसके लिए अधिसूचना भी जारी कर दी थी जिसके अनुसार मतदान आठ चरणों में होना था। पहले चरण का मतदान पांच मार्च और अंतिम चरण का मतदान 20 मार्च को होना था। पंचायत उपचुनाव को लेकर मंगलवार सुबह हुई सर्वदलीय बैठक के बाद रात को जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी शैलेंद्र कुमार ने पंचायत चुनाव को लेकर जारी की गई अधिसूचनाओं को वापस ले लिया और कहा कि सुरक्षा को लेकर कुछ ऐसी जानकारियां उपलब्ध हुई जिसके चलते दोबारा समीक्षा करने की जरूरत है। आने वाले दो तीन सप्ताह में सुरक्षा को लेकर समीक्षा होगी और उसके बाद ही नये सिरे से अधिसूचना जारी की जायेगी। जम्मू-कश्मीर प्रशासन व मुख्य निर्वाचन अधिकारी इस फैसले को सुरक्षा की दृष्टि से लिया गया फैसला बता रहे हैं तो दूसरी ओर सूत्रों की माने तो पंचायत उपचुनाव स्थगित करने का फैसला विपक्षी पार्टियों के दवाब के कारण लिया गया है। मंगलवार को हुई सर्वदलीय बैठक में पीडीपी ने बैठक का बीच में ही बष्हिकार कर कहा कि जब तक उनके नेता जेलों में बंद हैं तब तक दलीय आधार पर उम्मीदवारों का चयन कैसे संभव है। नेशनल कांफ्रेंस के नेता रतन लाल गुप्ता ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर कहा कि नेकां चुनाव के लिए तैयार है, लेकिन पहले उनके नेताओं की रिहाई हो। कांग्रेस के प्रदेश प्रधान जीए मीर ने भी कहा कि जब हमारे नेताओं पर ही पाबंदियां लगी हुई है तो फिर ऐसे में उपचुनाव कैसे हो सकते हैं। दूसरी ओर प्रदेश भाजपा ने पंचायत उपचुनाव स्थगित होने का भी स्वागत करते हुए कहा कि भाजपा चुनावों के लिए अभी भी तैयार थी और आगे भी रहेगी। प्रशासन द्वारा सुरक्षा कारणों के चलते लिए गए फैसले का भी हम सम्मान करते हैं। 

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