न्यायिक अधिकारियों की भर्ती के लिए अतिरिक्त समय के मांग की अर्जी खारिज
प्रयागराज । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उप्र लोक सेवा आयोग के न्यायिक अधिकारियों की भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के लिये अतिरिक्त समय दिए जाने की मांग में दाखिल अर्जी खारिज कर दी है और निर्देश दिया है कि आयोग अपनी कोर्ट में दी गयी कार्य योजना को पूरा करे। साथ ही राज्य सरकार को जजों की नियुक्ति के साथ न्याय कक्षों के मांग पूरी करने आदेश दिया है।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल, न्यायमूर्ति पंकज मित्तल, न्यायमूर्ति एस.के गुप्ता, न्यायमूर्ति वीके नारायण तथा न्यायमूर्ति नाहिद आरा मुनीस की सात सदस्यीय वृहदपीठ ने जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। सुनवाई के दौरान प्रमुख सचिव गृह सहित बारह विभागों के प्रमुख सचिव व सचिव कोर्ट में मौजूद थे। सभी ने कोर्ट को उठाये गये कदमों की जानकारी दी।
अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने बताया कि हाईकोर्ट व अधीनस्थ अदालतों की सुरक्षा के मुद्दे पर हाईकोर्ट की सुरक्षा कमेटी के आदेशों का पालन कर रहे हैं। प्रोजेक्ट के लिए बजट दे दिया गया है, 17 जिला अदालतों में सीसीटीवी कैमरे लगे गये हैं। सत्यापन रिपोर्ट मंगाई गई है। जुलाई तक हाईकोर्ट में कैमरे पूरी तरह से क्रियाशील हो जाएंगे।
प्रदेश की 71 अदालतों में तकनीकी विशेषज्ञ के पद सृजित कर दिए गए हैं। अदालतों की बाउंड्रीवाल का निर्माण कार्य जून तक पूरा हो जायेगा। कामर्शियल कोर्टों मोटर दुर्घटना अधिकरण व अन्य विशेष अदालतों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर दिए जा रहे हैं। 69 ग्राम न्यायालयों की व्यवस्था की जा रही है। अभी चार कार्यरत हैं। कोर्ट मैनेजर के स्थायी पद दिए जाएंगे। हाईकोर्ट जजों के स्टाफ बढ़ाए जाएंगे।
लोक निर्माण विभाग ने बताया कि हाईकोर्ट में मल्टीस्टोरी पार्किंग के लिए 150 करोड़ के बजट की व्यवस्था कर ली गयी है। कार्ययोजना तैयार है। नवम्बर 2021 तक पार्किंग हाईकोर्ट को सौंप दी जायेगी। याचिका की सुनवाई 29 मई को पुनः होगी। कोर्ट ने सरकार के सम्बन्धित विभागों से कार्य की प्रगति रिपोर्ट मांगी है।
अधिवक्ता विजय चन्द्र श्रीवास्तव ने कुछ मुद्दे उठाए। अधिवक्ता विष्णु बिहारी तिवारी ने हाईकोर्ट के सफाई व्यवस्था व सुप्रीम कोर्ट की तर्ज पर सुरक्षा व्यवस्था अपनाये जाने की मांग की। इन मुद्दों सहित अन्य कई बिंदुओं पर 29 मई को सुनवाई होगी।