बंगाल में चुनाव बाद हिंसा जारी, कोलकाता और दक्षिण 24 परगना के कई घरों पर हमले
कोलकाता। कोलकाता समेत आसपास के क्षेत्रों में चुनाव बाद हिंसा लगातार जारी है। मगलवार देर रात दक्षिण 24 परगना के विस्तृत इलाके में भाजपा कार्यकर्ताओं के घरों पर हमले और तोड़फोड़ की घटना प्रकाश में आई है। आरोप है कि जिले के कुलतली थाना अंतर्गत मीरगंज ग्राम पंचायत क्षेत्र में पूर्व श्यामनगर गांव में रहने वाले करीब 10 परिवारों को स्थानीय तृणमूल कार्यकर्ताओं ने रात के अंधेरे में मारापीटा है। उनके घरों में तोड़फोड़ की है, महिलाओं को भी नहीं बख्शा गया है। आरोप है कि उनके साथ मारपीट करने वाले कह रहे थे कि भाजपा करने के अपराध की सजा दी जा रही है। घटना को केंद्र कर मंगलवार रात से बुधवार सुबह तक पूरे क्षेत्र में हालात तनावपूर्ण है। परिस्थिति को समझते हुए इलाके में अतिरिक्त संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है। बताया गया है कि जब 19 मई को अंतिम चरण में यहां मतदान हुआ था तब सत्तारूढ़ तृणमूल की ओर से कथित तौर पर एक फरमान जारी किया गया था जिसमें गांव में किसी को भी वोट देने के लिए नहीं जाने को कहा गया था। मतदान संपन्न होने के बाद से लगातार इन लोगों पर हमले हो रहे हैं। चुनाव बाद क्षेत्र में लगातार बमबारी हुई थी। कई घरों में तोड़फोड़ पहले भी हो चुके हैं। मतदान वाले दिन यहां भाजपा के कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ा कर मारापीटा गया था जिसमें से पांच लोगों की हालत गंभीर हो गई थी। आरोप है कि इस गांव के अधिकतर लोग भाजपा के समर्थक हैं और इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को वोट दे चुके हैं। इसलिए इन्हें सजा दी जा रही है। इलाके में हिंसक माहौल को देखते हुए पुलिस की गश्ती जारी हैैै।
इधर कोलकाता के बेलियाघाटा में भी इसी तरह की परिस्थिति है। एक तरफ चुनाव आयोग के निर्देशानुसार उत्तर कोलकाता संसदीय क्षेत्र के जोड़ासांको विधानसभा इलाके में संस्कृत कॉलेजिएट स्कूल के मतदान केंद्र संख्या 200 पर पुनर्मतदान हो रहा है तो दूसरी ओर बेलियाघाटा अस्पताल के पास रहने वाले लोगों के घरों के सामने तृणमूल कार्यकर्ताओं ने जमावड़ा शुरू कर दिया है। दावा है कि इन लोगों ने उत्तर कोलकाता लोकसभा केंद्र से भाजपा उम्मीदवार राहुल सिन्हा को वोट दिया था जिसकी वजह से इन्हें घरों से भगाया जा रहा है। बेलियाघाटा में रहने वाले एक शख्स ने मीडिया से मदद मांगी है। उसने कहा है कि भाजपा समर्थक बता कर बेलियाघाटा के लोगों को कोलकाता से भगाने की कोशिश की जा रही है। पुलिस भी किसी तरह की कोई मदद नहीं कर रही है। इस बारे में पूछने पर बेलियाघाटा थाना की ओर से बताया गया है कि इलाके से बाहरी लोगों को भगाने की कोशिश की जा रही है। कुल मिलाकर कहा जाए तो बाहरी के नाम पर कोलकाता में लंबे समय से रहने वाले हिंदी भाषी लोगों को मतदान बाद लगातार प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है।