बिहारी आईएएस ने एवरेस्ट पर पहुंचा दिया भारत के सभ्यता का प्रतीक गंगाजल

बेगूसराय। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की धरती बेगूसराय ने एक से एक लाल पैदा किया है। जिन्होंने देश विदेश में नाम रौशन किया है। अब इसी धरती के एक लाल ने दुनिया के सबसे ऊंचीi एवरेस्ट की चोटी पर भारतीय सभ्यता और संस्कृति का प्रतीक गंगाजल अर्पित कर देश की संस्कृति को विश्व में स्थापित किया है। यह काम किया है बेगूसराय जिला के बसही निवासी यूपीएस कैडर के बिहारी आईएएस अधिकारी तथा  केन्द्रीय जल एवं स्वच्छता मंत्री के सहायक रविंद्र कुमार ने।  23 मई को जब पूरा देश मतगणना की तैयारी में था तो रविन्द्र अहले सुबह 4:20 बजे माउंट एवरेस्ट की सबसे ऊंची चोटी पर पहुंचे और भारत की शान तिरंगा लहराया। इसके बाद साथ में लाया गया भारत की सभ्यता और संस्कृति का प्रतीक गंगा जल अर्पित किया। स्वच्छ गंगा-स्वच्छ भारत एवरेस्ट अभियान के तहत यह मंजिल हासिल करने वाले रविंद्र कुमार ने एवरेस्ट की चोटी पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नमामि गंगा और स्वच्छ भारत अभियान के साथ बिहार सरकार का लोगो लगा कर दुनिया का ध्यान आकृष्ट कराया है। रविंद्र कुमार भारत के पहले और एकमात्र आईएएस अधिकारी हैं जिन्होंने दो बार एवरेस्ट पर जाकर भारत का तिरंगा शान से लहराया। इधर उनके पैतृक गांव बसही में यह खबर पहुंचते ही खुशी की लहर फैल गई है। 

  सकुशल वापस लौटने के बाद रविंद्र कुमार ने मंगलवार को हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में कहा कि वर्तमान परिपेक्ष्य में पीने के पानी की ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है तथा यह एवरेस्ट फतह अभियान इसी को समर्पित था। नीति आयोग ने अपने रिपोर्ट कार्ड कंपोजिट वाटर मैनेजमेंट इंडेक्स में कहा है कि 2020 तक दिल्ली और 21 अन्य शहरों में भूगर्भीय जल की भारी कमी होने से एक सौ करोड़ लोग प्रभावित हो जाएंगे। 85 प्रतिशत ग्रामीण जीवन भूमिगत जल पर आधारित है, जिसमें 19 राज्य के 184 जिला दूषित जल से बुरी तरह प्रभावित है। जैविक और रासायनिक प्रदूषण से जल स्रोत दूषित हो रहे हैं। भूजल संकट, जल प्रदूषण के कारण जल और जमीन पर संकट पैदा होता जा रहा है। भारत की आधी आबादी जल संकट, प्रदूषित जल संकट से जूझ रही है। 

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