मध्‍य प्रदेश में कोविड-19 संक्रमितों की संख्‍या बढ़कर हुई 86, सबसे अधिक प्रभावित इंदौर

भोपाल । देश के अन्‍य प्रदेशों की तरह ही मध्‍य प्रदेश में भी समय बीतने के साथ कोरोना (कोविड-19) का कहर बढ़ता जा रहा है। यहां देखते ही देखते कुछ ही दिनों में संक्रमित मरीजों की संख्‍या 86 पर पहुंच गई है। सबसे अधिक इंदौर जिला कोराना से प्रभावित है। प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के 20 नये मामले सामने आए हैं, जिसमें अकेले इंदौर के 19 लोग संक्रमित पाए गए हैं। इनमें तीन बच्चे भी हैं। इंदौर में अब तक मिले संक्रमितों का यह आंकड़ा सूबे के कुल कोरोना वायरस संक्रमित लोगों की तादाद का करीब 75 फीसद हो गया है ।
ताजा आंकड़ों को देखें तो इंदौर में 63, जबलपुर के आठ, उज्जैन के छह, भोपाल के चार और शिवपुरी एवं ग्वालियर के दो-दो लोगों में भी इस संक्रमण की पुष्टि हुई है। सूबे में कोरोना संक्रमण से अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों में इंदौर के तीन और उज्जैन शहर के दो लोग और खरगोन का एक  65 वर्षीय पुरुष शामिल है।  
यहां शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि इंदौर में इस महामारी के जो 19 नये मामले हैं, उनमें शहर के तंजीम नगर के एक ही परिवार के नौ सदस्य हैं जिनमें तीन वर्षीय बालिका, पांच वर्षीय बालिका और आठ वर्षीय बालक शामिल है। कोरोना वायरस संक्रमण का 20वां संक्रमित एक 65 वर्षीय पुरुष पड़ोस के खरगोन जिले का रहने वाला है, जिसकी पुष्टि अब तक वायरस संक्रमित के रूप में हुई है। हालांकि इस पुरुष को लेकर हिस संवाददाता खरगोन से आई जानकारी के अनुसार इसकी मौत मंगलवार को ही हुई है और यहां स्‍थानीय प्रशासन और डॉक्‍टरों द्वारा लोगों को विशेष एहतियात बरतने की सलाह लगातार दी जा रही है। 
दूसरी ओर इन नये मामलों में शहर के एक पुलिस थाने के प्रभारी भी शामिल बताए जा रहे हैं जो पहले ही एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं । इस मामले को लेकर फिलहाल अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) गुरुप्रसाद पाराशर का कहना है कि थाना प्रभारी की पत्नी और दो बेटियों को भी सावधानी के तौर पर अस्पताल परिसर में ही एक अलग वॉर्ड में रखा गया है। सावधानी बरतने को लेकर एएसपी पाराशर ने बताया कि पुलिस अधिकारी जिस थाने के प्रभारी हैं, उसे संक्रमणमुक्त कराने के लिए पूरी तरह से सेनेटाइज किया जा चुका है। साथ ही साथी पुलिस कर्मियों को भी बचाव के तमाम उपायों के बारे में बताए जाने के साथ सावधानी बरतने को कहा गया है। सभी विशेष निगरानी में हैं । 
इंदौर में रानीपुरा, हाथीपाला सबसे ज्यादा घनी बस्ती वाले क्षेत्र होने के कारण से प्रशासन के लिए भी चुनौती बनकर उभरे हैं। यहां पर कोरोना संक्रमण बहुत तेजी से फैला है। फिलहाल यहां चंदन नगर और खजराना में डिटेल सर्वे प्रशासन द्वारा कराया जा रहा है। आशा, एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की टीम घर-घर जाकर दवा बांटने के साथ ही सर्वे कर रही है। इस बीच जिन लोगों में कोरोना से जुड़े जरा भी लक्षण नजर आ रहे हैं उन्‍हें तुरंत यह कार्यकर्ताओं की टीम यलो कैटेगरी वाले अस्पताल में स्क्रीनिंग के लिए भेज रही हैं।  
डीएम मनीष सिंह ने इंदौर शहर के अस्‍पतालों को चिन्‍हित करके तीन कैटेगरी में बांट दिया है। जिन्‍हें उन्‍होंने रेड, यलो और ग्रीन कैटेगरी नाम दिया है। इसमें यहां व्‍यवस्‍था की गई है कि रेड कैटेगरी अस्‍पतालों में कोविड- पॉजिटिव पेशेंट रखे जा रहे हैं। यलो में कोरोना से संबंधित लक्षणों वाले संक्रमितों को रखा जा रहा है और ग्रीन कैटेगरी में अन्य बीमारियों के इलाज से संबंधि‍त मरीजों को रखा जा रहा है। इस तरह से नए डीएम सिंह ने इंदौर में कोरोना पीड़ित लगभग 700 मरीजों के लिये चाहे वे पॉजिटिव हों या संदिग्ध हों। उन्होंने सभी के इलाज की व्यवस्था की है ।
उल्‍लेखनीय है कि मध्‍य प्रदेश की आर्थ‍िक राजधानी मिनी मुंबई इंदौर में लगातार कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ते हुए पाए जा रहे हैं। इसे देखते हुए अब तक कलेक्‍टर ने यहां कठोर प्रशासनिक नियम लागू किये हैं। लोगों का बाहर निकलना पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जा चुका है, यदि किसी को कोई सामान चाहिए भी तो प्रशासन द्वारा प्रदान किए नम्‍बरों पर फोन करने से सभी को घर पर ही सामान उपलब्‍ध कराया जा रहा है। नये 19 मामले मिलने के बाद शहर में इस महामारी की चपेट में आये लोगों की संख्या 63 हो गयी है, जिनमें से तीन लोगों की इलाज के दौरान पहले ही मौत हो चुकी है । 

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