मानवअधिकार मानवों के होते हैं, दुष्कर्मी नरपिशाचों के नहीं: शिवराज
भोपाल। प्रदेश में आए दिन मासूम बच्चियों पर अत्याचार हो रहे हैं। हमारी सरकार ने बेटियों पर अत्याचार करने वाले नरपिशाचों के लिए फांसी का प्रावधान किया था। फांसी की सजा को इनके मानवाधिकारों का हनन बताने वाले यह जान लें कि मानव अधिकार मानवों के होते हैं, नरपिशाचों के नहीं। यह बात बुधवार को एलएन मेडिकल कॉलेज में बेटी बचाओ अभियान के अंतर्गत आयोजित एक कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कही।
‘कोशिश एक बदलाव की’ संस्था द्वारा बुधवार को एलएन मेडिकल कॉलेज में बेटी बचाओ अभियान के अंतर्गत कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में उपस्थित चिकित्सा छात्रों को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि 5 साल, 6 साल, 10 साल की मासूम बेटियों के साथ दुराचार करने वाले नरपिशाच भी इस धरती पर हैं। इसलिए हमने मध्यप्रदेश विधानसभा में बलात्कारियों को फांसी देने का विधेयक पारित किया। मानवाधिकार मानवों के होते हैं, नरपिशाचों के नहीं।
बेटियों के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि मैं इसकी गारंटी नहीं ले सकता हूं कि बेटा आपके बुढ़ापे की लाठी बनेगा कि नहीं। लेकिन इस बात की गारंटी अवश्य ले सकता हूं कि बेटी अपनी अंतिम सांस तक माता-पिता की सेवा करेगी।