मुख्यमंत्री ने गढ़वाघाट आश्रम में गायों को खिलाया चारा

चुनाव आयोग के प्रचार प्रतिबंध के अंतिम दिन संकट मोचन दरबार पहुंचे योगी
-कहा, वह बजरंग बली के भक्त हैं, वह पूजा-अर्चना के बाद शुरू करते हैं कार्य
वाराणसी । आचार संहिता का उल्लंघन करने पर 72 घंटे के लगे प्रतिबंध के अन्तिम दिन गुरुवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वाराणसी पहुंचे। यहां उन्होंने संकटमोचन मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद रमना स्थित गढ़वाघाट आश्रम में गायों को चारा खिलाया। गुरुवार को मुख्यमंत्री का हेलीकाप्टर बीएचयू के हेलीपैड पर उतरा। इसके बाद मुख्यमंत्री यहां से सीधे संकटमोचन मंदिर पहुंचे। 
मुख्यमंत्री ने आज संकटमोचन मंदिर में विधि विधान से परिक्रमा के बाद पूजा-अर्चना की। मंदिर में महन्त प्रो. विश्वम्भर नाथ मिश्र, छोटे महन्त प्रो.विजयनाथ मिश्र ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। दर्शन- पूजन के बाद महन्त मिश्र ने मुख्यमंत्री को मंदिर परिसर में आयोजित होने वाले हनमुत जयंती संगीत समारोह में आने का निमंत्रण दिया। मंदिर की ओर से आशीर्वाद स्वरूप सीएम योगी को स्मृति चिन्ह प्रदान किया।
मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद मुख्यमंत्री रमना स्थित गढ़वाघाट आश्रम गये। यहां दर्शन पूजन के बाद मुख्यमंत्री ने आश्रम की गायों को केला और चारा खिलाया। इसके उपरांत आश्रम के पीठाधीश्वर स्वामी सरनानन्द से उनके कक्ष में जाकर बातचीत की। मुख्यमंत्री रामकृष्ण मिशन जाएंगे, जहां पर वे दिव्यांग बच्चों से मुलाकात करेंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री 25 को पीएम मोदी के वाराणसी में होने वाले रोड शो और 26 को नामांकन की तैयारियों के बाबत संगठनात्मक समीक्षा बैठक करेंगे। पदाधिकारियों संग होने वाली इस अहम बैठक में नामांकन के दौरान मोदी के प्रस्तावकों के नामों पर भी विचार होगा। 
उल्लेखनीय है कि 15 अप्रैल को चुनाव आयोग ने योगी आदित्यनाथ पर 72 घंटे तक प्रचार करने से रोक लगाई थी। इस दौरान वह किसी राजनीतिक कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले सकते थे, न ही कोई राजनीतिक ट्वीट कर सकते थे। इन सबके बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 16 अप्रैल को लखनऊ के मशहूर हनुमान मंदिर में पूजा की और हनुमान चालीसा भी पढ़ी। इसके बाद वे 17 अप्रैल को अयोध्या पहुंचे और हनुमानगढ़ी के दर्शन किए। साथ ही उन्होंने दलितों के घर खाना भी खाया। बुधवार की देर रात मुख्यमंत्री देवी पाटन पहुंचे। देवीपाटन शक्तिपीठ तुलसीपुर में रात को विश्राम के बाद गुरुवार सुबह मुख्यमंत्री योगी ने शक्ति मां पाटन की पूजा-अर्चना की। पूजा-अर्चना के बाद मुख्यमंत्री मंदिर की गौशाला पहुंचे और वहां पर उन्होंने गायों को हरा चारा खिलाया। वहां मंदिर परिसर में चल रहे थारू छात्रावास के बच्चों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने बच्चों से मंत्र राष्ट्रगीत सुना। इसके बाद वे सीधे वाराणसी पहुंचे। गौरतलब हो कि योगी पर लगा आयोग का बैन आज शाम 6 बजे तक खत्म हो जाएगा।
मैं बजरंग बली का भक्त
श्री संकटमोचन दरबार में दर्शन-पूजन के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंदिर के महंत प्रो.विश्वम्भर नाथ मिश्र से कई मसलों पर बातचीत की। हनुमान पर की गई टिप्पणी को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं बजरंग बली का भक्‍त हूं। मैं कोई भी कार्य बजरंग बली की पूजा के बाद ही प्रारम्भ करता हूं। महंत मिश्र ने मुख्यमंत्री को मंदिर की परंपराओं की जानकारी देने के साथ ही तुलसीघाट की नाग नथैया लीला व संकट मोचन संगीत समारोह के बारे में बताया और उन्हें आने का निमंत्रण भी दिया। इस दौरान प्रदेश के राज्यमंत्री डा.नीलकंठ तिवारी,डा.दयाशंकर मिश्र दयालू,सतुआ बाबा सन्तोष दास भी मौजूद रहे।
पिता को जेल से छुड़ाने को सीएम से मिली ज्योति
संकटमोचन मंदिर से निकलते समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से दुर्गाकुंड निवासी ज्योति गुप्ता नामक युवती भी मिली। ज्योति ने अपने पिता को जेल से छुड़ाने के लिए मुख्यमंत्री से गुहार लगाई। ज्योति ने मुख्यमंत्री को बताया कि उसके पिता को झूठे मामले में फंसा दिया गया है, जिसमें उन्हें आजीवन कारावास की सजा मिली है। इस समय वह शिवपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। पिता की रिहाई के लिए उसने पीएम नरेन्द्र मोदी , राज्यपाल रामनाइक को पत्र भी लिखा है। मुख्यमंत्री ने ज्योति की बातें ध्यान से सुनने के बाद मामले को देखने का भरोसा दिया।

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