राज्य भर के पार्षदों को ममता का संदेश : चोरों को पार्टी में नहीं रखना चाहती, जिसे छोड़ना है जल्दी छोड़ें
कोलकाता । इस बार लोकसभा चुनाव में राज्य भर में भाजपा के शानदार प्रदर्शन और तृणमूल कांग्रेस की अधिकतर क्षेत्रों में हार के बाद राज्यभर में तृणमूल में टूट मची है। कोलकाता के अलावा उपनगरीय क्षेत्रों और शिल्पांचाल इलाके में बड़ी संख्या में लोग तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल हो रहे हैं। यहां तक कि लोकसभा चुनाव के दौरान जिन क्षेत्रों में तृणमूल को बढ़त मिली थी उन क्षेत्रों के भी नेता और पार्षद भाजपा में शामिल होते जा रहे हैं। शुक्रवार को ही विधायक सुनील सिंह के नेतृत्व में गरुलिया नगरपालिका के अधिकतर पार्षदों ने भाजपा का दामन दिल्ली में जाकर थामा है। अब मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य भर के पार्षदों के साथ कोलकाता के नजरुल मंच में बैठक की है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया है कि जिनको भी पार्टी छोड़ना है वह जल्द से जल्द छोड़ दें। चोरों को पार्टी में नहीं रखना चाहती हैं। लोकसभा चुनाव में भाजपा के बड़ी मात्रा में धनराशि का बेजा इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए ममता ने कहा कि इस बार जो चुनाव हुआ वह रुपये का खेल था। इसे लेकर मन छोटा करने की जरूरत नहीं है।
विधानसभा में चुनिंदा लोगों को मिलेगा टिकट उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि विधानसभा चुनाव में जो लोग पार्टी का विश्वासपात्र और वफादार होगा उसको ही टिकट मिलेगा। मुकुल राय और उनके बेटे को नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि मैंने गलती की थी और मौकापरस्त बाप बेटे को टिकट दे दिया था। अब उन्हें टिकट मिलेगा जो पार्टी में रहने वाले हैं।
राज्य भर में पार्टी तैयार कर रही है नए कार्यकर्ता मुख्यमंत्री ने दावा किया कि जो लोग तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर जा रहे हैं उन्हें लेकर किसी तरह की कोई चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने नए सिरे से कार्यकर्ता तैयार करने की शुरुआत की है और राज्य भर में नए-नए कार्यकर्ता तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति अगर पार्टी छोड़कर जाएगा तो उसकी जगह 500 नए लोग आएंगे। लगातार उनकी पार्टी के लोगों के भाजपा में शामिल होने को लेकर कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि लोगों के लिए काम करना हमलोगों का कर्तव्य है। इसलिए हिम्मत नहीं हारनी होगी। 15-20 काउंसिल अगर दूसरी पार्टी में चले जाएंगे तब भी इससे मेरा कोई नुकसान होने वाला नहीं है।
डेंगू से मुकाबले का भी दिया निर्देश मुख्यमंत्री ने मानसून के आगमन से पहले सतर्कता बरतते हुए कार्यकर्ताओं को डेंगू से मुकाबले के लिए प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि राज्य के कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां बड़ी मात्रा में डेंगू फैलता है। साथ ही उन्होंने मतदाता सूची तैयार करने का भी निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मतदाता सूची को सजग होकर तैयार करना होगा। यह ध्यान रखना होगा कि किसी का नाम नहीं कटे।
सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई सरकारी जमीन पर तैयार हुई अवैध इमारतों को भी हटाने का निर्देश मुख्यमंत्री ने राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम को दिया है। उन्होंने कहा है कि किसी ने तालाब को अपने नाम पर कर लिया है तो किसी ने अपने पिता के नाम पर हॉस्टल बनाकर रखा है। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इन सबके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य भर की नगरपालिकाओं के हाथ में राज्य सरकार की शाख है। अगर क्षेत्र में बेहतर कार्य होगा तो लोग लौटकर हमारे पास जरूर आएंगे। बैठक में शामिल सभी नगरपालिकाओं के चेयरमैन और पार्षदों को उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि लोगों के हित में काम करना शुरू कर दीजिए तभी विधानसभा में बेहतर परिणाम होगा। उन्होंने दावा तो किया कि जहां से एक कार्यकर्ता जा रहे हैं वहां 500 लोग तैयार हो रहे हैं, लेकिन सवाल है कि विगत आठ सालों में जब सत्तारूढ़ तृणमूल का रुतबा शीर्ष पर था तब राज्य के अधिकतर लोग ममता की पार्टी में थे। अब जब वह हार गई हैं और बड़ी संख्या में लोग भाजपा के पास जा रहे हैं तो एक की जगह 500 की संख्या में आने वाले लोग कौन हैं और कहां से आ रहे हैं, इस बारे में मुख्यमंत्री ने कुछ नहीं बताया है।