राष्ट्रीय कवि संगम द्वारा श्रीराम वनगमन पथ काव्य यात्रा की भूमिका में कार्यक्रम आयोजित

चंडीगढ़-राष्ट्रीय कवि संगम द्वारा श्रीराम वनगमन पथ काव्य यात्रा की भूमिका में एक कार्यक्रम आयोजित किया। 26 जनवरी और उत्तर भारत के 26 कवियों के साथ सुसज्जित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता, संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रधेय श्री जगदीश मित्तल जी ने की। गणतंत्र दिसव के अवसर पर आजादी के अमृत महोत्सव में संगम के उत्तर भारत क्षेत्र ने अपनी सहभागिता सुनिश्चित करते हुए यह भव्य कार्यक्रम किया जिसका संयोजन राष्ट्रीय मंत्री एवं ओज के प्रसिद्ध कवि श्री दिनेश देवघरिया जी ने किया जिनके साथ संगम के लद्दाख एवं जम्मू व कश्मीर के प्रभारी श्री सर्वेश मिश्र जी सह-संयोजक रहे। संयोजक टीम में तकनीकी सहयोगी रही श्रीमती सोनिया आनंद जी, जिनके अनथक प्रयासों से कार्यक्रम का अनेक प्रांतों के फेसबुक पेज पर live प्रसारण हुआ। चंडीगढ़ प्रांत महासचिव अनिल ‘चिंतित’ ने कार्यक्रम का संचालन किया। पंजाब अध्यक्ष श्री पंकज कौशिक जी ने माँ शारदे की वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत की। संयोजक श्री दिनेश देवघरिया ने कार्यक्रम की भूमिका प्रस्तुत कर सबका स्वागत किया। देश के इन बेहतरीन 26 कवियों में चंडीगढ़ से, प्रभारी सुरेंद्र सिंगला, अध्यक्ष, संतोष गर्ग के अलावा दर्शना सुभाष पाहवा, उषा मौर्य, रंजन मंगोत्रा, डॉ. अनीश गर्ग, बिजेंद्र सिंह शामिल रहे। पंजाब से श्रद्धा शुक्ला, सुशील कुमार आजाद, अब्बास धालीवाल, अर्चना खापरान, बाँका बहादुर अरोड़ा शामिल रहे। हिमाचल प्रदेश से प्रभारी शक्ति चंद राणा, शाम अजनबी, नेक राम परिहार, जीवन लाल, अनिता भारद्वाज एवं अशोक कालिया शामिल रहे। जम्मू कश्मीर से मनीषा मनु, नीलम महोत्रा, बलजीत सिंह, राधा शर्मा, संजय कुमार एवं सन्दीप सिंह शामिल रहे। अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में आदरणीय जगदीश मित्तल जी ने आजादी के लिए हँसते हँसते अपनी जान देने वाले वीर शहीदों के शौर्य का वर्णन किया। खुदीराम बोस, चन्द्र शेखर आजाद, सुभाष चन्द्र बोस, भगत सिंह आदि स्वतंत्रता सेनानियों के पराक्रम का वर्णन करते हुए बताया कि राष्ट्रीय कवि संगम ने देश भर में सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित कर आम जनमानस को इनके पराक्रम से अवगत कराया है। मित्तल जी ने कहा कि मंच पर केवल अपनी कविता प्रस्तुत कर वाहवाही पाना किसी कवि का धर्म नहीं होना चाहिए। आप एक कवि होने के नाते यह मंथन अवश्य करें कि इस राष्ट्र निर्माण में आपकी लेखनी की क्या भूमिका है। लगभग 3 घण्टे चले इस कार्यक्रम में सभी ने भगवान राम की महिमा, राष्ट्रीय भाव एवं गणतंत्र दिवस के विषयों पर बेहतरीन कव्यपाठ किया। तकनीकी सहयोगी सोनिया आनंद ने इस कार्यक्रम और संगम से जुड़ने पर खुद को सौभाग्यशाली बताते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रमों के लिए भविष्य में भी वह अपना योगदान देती रहेंगी और आगामी कार्यक्रम को यूट्यूब पर प्रसारित करने का भरसक प्रयास करेंगी। अंत में सह संयोजक सर्वेश मिश्र ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि जब हम संगठन के लिए कार्य करते हैं तो अपनी व्यक्तिगत साख के साथ साथ संगठन की साख का भी ख्याल रखना नितांत आवश्यक होता है। संतोष गर्ग जी ने राम धुन के साथ इस कार्यक्रम का समापन किया।

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