समाज के कमजोर वर्गों को नि:शुल्क और सक्षम कानूनी सेवाएं प्रदान करना मुख्य उद्देश्य सीजेएम कपिल राठी

भिवानी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक अग्रवाल के निर्देशानुसार आजादी के अमृत महोत्सव के तहत शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में कानूनी जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कपिल राठी ने ये जानकारी देते हुए बताया कि इन कैंपों में शहर के विभिन्न क्षेत्रों में पैनल अधिवक्तागण, पीएलवी व सक्षम युवाओं द्वारा आगामी 14 मई को अयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में, नालसा, हालसा व डालसा के द्वारा जरूरतमंदों को दी जाने वाली सहायता के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि समाज के कमजोर वर्गों को नि:शुल्क व सक्षम कानूनी सेवाएं प्रदान करना और यह भी सुनिश्चित करना कि आर्थिक या अन्य अक्षमताओं के कारण कोई भी नागरिक न्याय हासिल करने से वंचित न रहे। विवादों के सौहार्दपूर्ण निपटाने के लिए लोक अदालतों का आयोजन करना। समाज के कमजोर और हाशिये के वर्गों के अधिकारों के बारे में विधिक जागरूकता पैदा करना, सामाजिक न्याय मुकदमा आदि का उपक्रम करना। सामरिक और निवारक विधिक सेवा कार्यक्रमों के माध्यम से नालसा की योजनाओं और नीतियों को लागू करना। एडीआर सेंटर के फं्रट ऑफिस के माध्यम कोई भी व्यक्ति जो कि नि:शुल्क सहायता प्राप्त करने का इच्छुक हो, वे एक सादे कागज पर प्रार्थना पत्र दे सकता है। उन्होंने बताया कि नियमानुसार महिलाएं, बच्चे, एससी/एसटी, जो व्यक्ति हिरासत में हो, औद्योगिक कामगार, आपदा के शिकार और मानसिक बीमारी से पीडि़त व दिव्यांग व्यक्ति विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा मुफ्त कानूनी सलाह और सहायता प्राप्त कर सकते हैं। सिविल और अपराधिक मामलों में पैनल अधिवक्ता गण के माध्यम से अदालतों और न्यायाधिकारणों के सामने विधिक प्रतिनिधित्व प्रदान करना है।

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