स्वास्थ्य संकट सुलझाने के लिए तत्पर हुईं ममता
कोलकाता । पश्चिम बंगाल में विगत पांच दिनों से चिकित्सकों के कार्य स्थगन की वजह से उपजे स्वास्थ्य संकट को सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तत्परता दिखाई है। शनिवार सुबह इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से हड़ताल को खत्म कराने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम मिलने के बाद ममता ने आईएमए के अध्यक्ष डॉक्टर शांतनु सेन से बात की। उसके बाद डॉ. सेन, एनआरएस अस्पताल जा पहुंचे। वहां उन्होंने आंदोलनरत चिकित्सकों से बात की। हालांकि डॉ. सेन ने भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तरह दावा किया कि चिकित्सकों के आंदोलन में बाहरी लोग शामिल हैं। उसके बाद उन्होंने डॉक्टरों को मुख्यमंत्री से मिलने के लिए सचिवालय जाने की सलाह दी लेकिन सेन के इस बयान से डॉक्टरों में एक बार फिर असंतोष दिखा। आंदोलनरत जूनियर डॉक्टरों ने बैठक की और स्पष्ट कर दिया कि वे मुख्यमंत्री से मिलने के लिए सचिवालय नहीं जाएंगे बल्कि मुख्यमंत्री को एनआरएस अस्पताल में आना होगा। इसके बाद खबर थी कि मुख्यमंत्री हमले में घायल डॉक्टर परिवह मुखर्जी से मिलने के लिए इंस्टीट्यूट आफ न्यूरोसाइंस में जाएंगी। अस्पताल में भी इसकी तैयारियां देखी गईं। एक के बाद एक पुलिस के आला अधिकारी मौके पर जा पहुंचे। पुलिस की ओर से बड़े पैमाने पर बैरिकेडिंग कर दी गई थी जिसके बाद ऐसा लग रहा था जैसे मुख्यमंत्री के आने की तैयारी की जा रही है। लेकिन थोड़ी देर बाद स्थिति स्पष्ट हुई और पता चला कि सीएम अस्पताल नहीं जा रही हैं बल्कि स्वास्थ्य भवन जाएंगी। कोलकाता के सॉल्टलेक में स्वास्थ्य भवन है लेकिन एक बार फिर मुख्यमंत्री ने अपना फैसला बदला और स्वास्थ्य भवन जाने के बजाय सीधे राज्य सचिवालय के लिए रवाना हो गईं। इसके बाद उन्होंने राज्य स्वास्थ्य विभाग से अतिरिक्त स्वास्थ्य सचिव राजीव सिन्हा को बुलावा भेजा। मुख्यमंत्री के बुलावे पर राजीव सिन्हा भी साल्टलेक स्थित स्वास्थ्य भवन से सचिवालय पहुंचे हैं। माना जा रहा है कि शनिवार शाम तक मुख्यमंत्री एनआरएस अस्पताल में जाकर आंदोलनरत जूनियर डॉक्टरों से मिल सकती हैं। इधर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने शनिवार को एक और चिट्ठी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नाम लिखी है। इसमें उन्होंने इस बात का जिक्र किया है कि पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के आंदोलन की वजह से उनके समर्थन में देश भर के डॉक्टर हड़ताल कर रहे हैं। इससे बंगाल के जो लोग परेशान हो रहे हैं वह तो हो ही रहे हैं, देश भर में भी स्वास्थ्य संकट गहराता जा रहा है। ऐसे में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बिना देरी किए इस समस्या के समाधान के लिए कदम उठाना चाहिए।